मोदी के नामांकन के दौरान सहयोगी दलों ने दिखाई एकजुटता
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भाजपा, कार्यकर्ता, मोदी, शाह और योगी सभी निमित्त भर हैं, चुनाव तो देश की जनता लड़ रही है
वाराणसी : नरेंद्र मोदी ने बनारस से लगातार दूसरी बार नामांकन किया है। पिछली बार यानि साल 2014 में भी वह इसी लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे और देश के प्रधानमंत्री बने थे। पीएम मोदी ने डीजल रेल इंजन कारखाना गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम के बाद सुबह एक होटल में भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी कोतवाल बाबा कालभैरव का दर्शन किया और अपना नामांकन दाखिल करने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। सुबह 11.40 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा के आधिकारिेक प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी को सौंपा और दाखिल शपथ पत्र को पढ़ा। वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल करने के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गठबंधन दल के नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट रवाना हो गए। वाराणसी लोकसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के बाद बाहर निकलते समय पीएम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा – ‘काशी वासियों का धन्यवाद, पांच साल बाद फिर काशी में हूं। इतना लंबा रोड शो काशीवासी ही कर सकते हैं। यह बाबा की नगरी है, मां गंगा के आशीर्वाद से भारत के उज्जवल भविष्य के लिए सभी अपना संकल्प लें। देश के सभी मतदाताओं से प्रार्थना है जहां वोटिंग बाकी है सभी चरणों में शांतिपूर्ण ढंग से मतदान करें। ऐसा माहौल कुछ लोग बनाने लगे हैं कि मोदी जीत गए, उनकी बातों में मत आइए, सबको ज्यादा से ज्यादा वोटिंग कर देश को मजबूत करना चाहिए।’ प्रधानमंत्री का नामांकन जुलूस कोतवाली, मैदागिन, कबीरचौरा, लहुराबीर, अंधरापुल, नदेसर, वरुणापुल होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा। जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह के अनुसार चुनाव आयोग के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाहन समेत तीन वाहन रायफल क्लब तक आए। प्रधानमंत्री के साथ आने वाले वीवीआइपी कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार से पैदल ही परिसर में दाखिल हुए। नामांकन कक्ष में पीएम के साथ चार अन्य प्रस्तावक ही अंदर जाएंगे। साथ में आने वाले एनडीए के सहयोगी दल के लोग भी दूसरे कक्ष में मौजूद रहेे जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने कलेक्ट्रेट में पहुंचने के बाद मुलाकात की। इस दौरान अमित शाह, सुषमा स्वराज, प्रकाश सिंह बादल, नितिन गडकरी, नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, पन्नीर सेल्वम, राम विलास पासवान सहित तमाम दिग्गजों ने एक साथ मौजूद होकर लोकसभा चुनाव में अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी में नामांकन दाखिल करते समय प्रस्तावक कौन होंगा इसको लेकर भाजपा अंतिम समय तक गोपनीयता बरतती रही। हालांकि शुक्रवार की सुबह इस बाबत स्थिति भी स्पष्ट हो गई। उनके प्रस्तावकाें में डोमराजा परिवार के जगदीश चौधरी, अखिल भारतीय विज्ञान अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक रमाशंकर पटेल, जनसंघ के जमाने से भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुभाष गुप्ता, बीएचयू स्थित महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या अन्नपूर्णा शुक्ला शामिल हैं। प्रस्तावकों को कलेक्ट्रेट परिसर तक पहुंचाने के लिए पार्टी की ओर से एक दिन पूर्व ही तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी का परिश्रम कल मुझे देखने को मिला, मैं भी बूथ पर कार्यकर्ता रहा हूं। मुझे भी दीवारों पर पोस्टर लगाने का मौका मिला था। देश भर के सभी नागरिकों व कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करता हूं। मैंने कल हर काशीवासी में एक मुखिया का अनुभव किया। ये देश भर के कार्यकर्ताओं की मेहनत है कि देश में उत्साह का माहौल है। लोग खुद कह रहे हैं कि फिर एक बार मोदी सरकार। देश में इतने चुनाव हुए, चुनाव के बाद राजनीतिक पंडितों को माथापच्ची करनी पड़ेगी कि यह सुनहरी स्थिति देश देख रहा है।
जनता ने मन बना लिया है। जनता जितना प्यार दे रही है उसके प्रति हमें हर पल आभार जताना है। यह बात माननी पड़ेगी कि आपने जो परिश्रम किया है वह कल रोड शो में उमड़ी भीड़ देखकर पता चला। कार्यकर्ता का प्रेम और प्रजा का प्रेम ही एकता की अनुभूति कराता है। मैं पूरे देश का चुनाव देख रहा हूं, डेढ़ माह से हिंदुस्तान के कोने कोने में जा रहा हूं, भाजपा, कार्यकर्ता, मोदी, शाह और योगी सभी निमित्त भर हैं, चुनाव तो देश की जनता लड़ रही है। जनता पांच साल के अनुभव के आधार पर, अपेक्षा, आकांक्षा लेकर हमसे जुड़ी है। यह बड़ा सौभाग्य है। पहले सरकारें बनती थीं, लोग सरकारें बनाते थे, लेकिन पांच साल सरकार चलते हुए जनता ने अबकी देखा। सरकार बनाना जनता के हाथ लेकिन चलाना हमारी जिम्मेदारी है। हमने ईमानदारी से उस जिम्मेवारी निभाई है। हमने कभी बहाना नहीं बनाया। आप कार्यकर्ता ही मेरे मालिक हैं जिसे मैं हिसाब देता हूं। पांच साल में कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी ने जितना, जब और जहां समय मांगा मैंने मना नहीं किया। कार्यसमिति में भी एक कार्यकर्ता की तरह ही पूरा समय बैठा हूं। मेरे भीतर के कार्यकर्ता को मैंने कभी मरने नहीं दिया। पीएम के तौर पर मैं जिम्मेदारी निभाता रहा हूं और एमपी और पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर भी उतना ही सजग हूं। हमारी पार्टी अाज बढ़ी है, इसे अखबारों और टेलीविजन ने नहीं बनाया, हम बड़े परिवारों से नहीं आए, हम छोटे छोटे कार्यकर्ता, ग्वाले के तौर पर हैं। रामजी के पास पूरी वानर सेना थी, शिवाजी के पास किसान आैर मालवे थे उसी तरह से हम सभी भारत मां के छोटे—छोटे सिपाही हैं। कृष्ण में गोवर्धन उठाने की ताकत जरूर रही होगी लेकिन कृष्ण ने हमें संगठन सिखाया है कि कैसे हर ग्वाले की लकड़ी की जरूरत होती है। एक-एक वोट महत्वपूर्ण होता है। भाजपा कार्यकर्ता के नाते आपकी कठिनाई बहुत है, खासकर बनारस वालों की। दूसरी जगहों पर तो उनका उम्मीदवार साथ चलता है, आप का उम्मीदवार भाग्यवान हैं कि वे कहीं भी रहे लेकिन यहां का कार्यकर्ता खुद को उम्मीदवार मानते हुए काम करता है। इस चुनाव के दो पहलू हैं, एक वाराणसी लोकसभा जीतना जो काम कल पूरा हो गया, हो गया है न। एक काम अभी बाकी है वो है पोलिंग बूथ जीतना। बनारस जीत गए अब पोलिंग बूथ जीतना है। एक भी पोलिंग बूथ पर भाजपा का झंडा झुकने नहीं देना है। मोदी देश नहीं झुकने देगा और कार्यकर्ता भाजपा का झंडा नहीं झुकने देगा। आज नामांकन के बाद कुछ नहीं करना है, सब गंगा मईया देख लेगी। चुनाव जीत के मुझे आनंद नहीं होगा अगर एक भी पोलिंग बूथ पर मेरा कार्यकर्ता हार गया। अब आपकी प्राथमिकता मेरा बूथ सबसे मजबूत। हमें कुछ रिकार्ड भी तोड़ने हैं, मोदी सबसे अधिक वोट से जीते या न जीते यह मुद्दा है ही नहीं। मुझे लोकतंत्र जीतने में रुचि है। इसका मतलब है कि अब तक बनारस में, यूपी में जितना पोलिंग हुआ है, मई की 40 डिग्री में भी मतदान के पुराने सारे रिकार्ड हम तोड़ देंगे। मैं गुजरात में भी एक काम नहीं कर पाया वो आप यहां कर दीजिए। वह काम यह है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान पांच फीसद अधिक होना चाहिए, यह बनारस में करना है। कल रोड शो कर रहा था तो सुरक्षा को लेकर लोगों ने खूब चिंता की। सोशल मीडिया पर कई संदेश आए। लेकिन मोदी की कोई सुरक्षा करता है तो इस देश की करोड़ों माताएं करती हैं। वे शक्ति बनके मेरी सुरक्षा कवच बनी हुई हैं। माताएं-बहने व्रत कर रही हैं, पूजा कर रही हैं, अपने बच्चों को वोट देने की नसीहत देती हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि यदि 100 वोट पुरुष के पड़े तो 105 वोट महिलाओं के होने चाहिए। पहली बार वोट करने वालों की अलग लिस्ट बनाएं। एक गुड़ का टुकड़ा उन्हें खिलाएं। उन्हें लगना चाहिए कि वे 21वीं सदी का निर्णायक बनने जा रहा है। उनपर पुष्पवर्षा करें। वे वोट किसी को भी दें लेकिन भाजपा उनका सम्मान करे। लोकतंत्र एक उत्सव होता है, हम दीवाली में पटाखे छोड़ते हैं लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। हमारे कितने भी विरोधी हों लेकिन भाईचारा बनाए रखें उनसे। कहीं कोई झगड़ा नहीं होना चाहिए। आप करेंगे तो दूसरे दल भी ऐसा करना सीख जाएंगे। मीडिया को बनारस के चुनाव में कोई रुचि नहीं रह जाएगी क्योंकि वर्ल्ड कप में भी भारत-पाकिस्तान के मैच बिना रुचि नहीं रहती है। दूसरा उम्मीदवार हमारा दुश्मन नहीं है इसलिए उसका आदर करिए। हमें हेकड़ी नहीं करना चाहिए। हेकड़ी वाले 400 से 40 हो गए। हमें नम्रता से चुनाव लड़ना चाहिए। राजनीति में भाईचारा और प्रेम खत्म हो रहा है उसे हमें वापस लाना है।
उन्होंने कहा कि एक सज्जन को लोग गालियां दे रहे थे लेकिन वे निश्चिंत हो कर चलते रहे। लोगों ने पूछा लोग गालियां दे रहे हैं आप को कोई चिंता ही नहीं। जवाब मिला, देखो भाई बाजार में कुछ भी लेने जाओगे और बिना लिए आओगे तो कुछ मिलेगा क्या। इसलिए जिसे जो देना है देता रहे मेरी जेब में जगह ही नहीं है तो मैं लूूंगा कहां। मैं गंदी से गंदी चीज से खाद बनाता हूं और उसी से कमल खिलाता हूं। मुझे गालियां देने दीजिए, उसे मेरे खाते में बढ़ा दीजिए। कम से कम खर्च में चुनाव लड़ने की कोशिश होनी चाहिए। अहमदाबाद वाले सिंगल खर्च डबल सेलरी वाले होते हैं। हमें चुनाव में वही करना है। कार्यकर्ताओं के सभी खर्चे बंद कर दीजिए। दस परिवार चुन लीजिए। एक जगह चाय पीजिए, दूसरी जगह अखबार पढि़ए, नाश्ता करिए, उनके घर का हाल लीजिए। टीवी भी उन्हीं के घर देखिए। बिना खर्च चुनाव लड़ लेंगे। प्रत्येक कार्यकर्ता दस परिवारों के वोट की चिंता करे। कमल के फूल का बटन दबेगा तो देश महक उठेगा। ऐसा करेंगे तो इलेक्शन कमीशन को नोटिस देना पड़ेगा कि यदि किसी ने घर में भाजपाइयों को चाय पिलाएगा तो उसे जवाब देना पड़ेगा। बनारस का चुनाव ऐसा लड़ें कि राजनीतिक पंडितों को इस पर किताब लिखनी पड़ जाए। मैं हो सकता है बीच में बनारस नहीं आ पाउंगा लेकिन आप सभी मोदी बनकर चुनाव लड़ें। मुझे हर बूथ जीते बिना बनारस जीतने का मजा नहीं आएगा। जनता का दिल जीत लेंगे तो दल को जनता जिता ही देगी। बंगाल और केरल में भाजपा कार्यकर्ता जब घर से निकलते हैं तो कहते हैं कि पार्टी का काम करने जा रहा हूं यदि शाम को जिंदा लौट के न आया तो कल से छोटे भाई को भेज देना। वाराणसी से दूसरी बार सांसदी का पर्चा दाखिल करने से पूर्व वह पहले काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के दरबार गए। यहां पूजन-अनुष्ठान करने के बाद बाबा की अनुमति लेकर नामांकन दाखिल करने कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुए। इससे पूर्व सुबह 8.15 बजे पीएम नरेंद्र मोदी अस्सी घाट से क्रूज से गंगा में सफर करने के लिए पहुंचे। पीएम लगभग 40 मिनट तक गंगा में क्रूज से सफर करने के बाद वापस सुबह नौ बजे अस्सी घाट पहुंचे। अस्सी घाट पर कार्यकर्ताओं ने सुबह जब मोदी मोदी के नारे लगाकार पीएम का समर्थन किया तो पीएम ने भी कार्यकर्ताओं के उत्साह पर हाथ हिलाकर जवाब दिया। नरेंद्र मोदी के नामांकन के दौरान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मेघालय के मुख्यमंत्री सीके संगमा, नागालैंड के सीएम नेफ्यू रियो, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के सीएम नीतिश कुमार, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अनुप्रिया पटेल, पीयूष गोयल, जेपी नड्डा लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, मनोज सिन्हा, शाहनवाज हुसैन, मनोज तिवारी, गोपालजी टंडन, भूपेंद्र यादव, सुनील ओझा, महेशचंद्र श्रीवास्तव, नवीन कपूर।