35 लाख की डकैती की मन्नत पूरी, लुटेरों ने भंडारे के लिए निकाले चार लाख
नोएडा : महागुन कॉरपोरेट टावर, सेक्टर-63 में बीते माह 27 अप्रैल को हुई 35 लाख रुपये की डकैती में 14 बदमाश शामिल थे। बदमाशों ने डकैती की सफलता के लिए मन्नत मांगी थी। इसलिए वारदात के बाद सबसे पहले 4 लाख रुपये भंडारे और 2 लाख रुपये वकील की फीस के लिए निकाल दिए थे। उसके बाद बाकी 29 लाख रुपये सभी बदमाशों में बांट दिए गए। पुलिस ने डकैती में शामिल 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर 8 लाख कैश बरामद कर लिया है। एडीजी मेरठ, प्रशांत कुमार ने बताया कि महागुन कॉरपोरेट टावर में 8 साल से सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे विजयनगर निवासी ललित ने ही रेकी कर लूट का प्लान बनाया था। उसे पता था कि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से कंपनी की तिजोरी में काफी कैश पड़ा है। उसने यह बात अपने पड़ोस में रहने वाले उदय को बताई। उदय वहीं रहने वाले विवेक और सचिन के साथ खुद का डेटा एंट्री का काम शुरू करना चाहता था। विवेक फिलहाल सेक्टर-63 के ए ब्लॉक में ही नौकरी करता है। 13 अप्रैल की रात को विजयनगर निवासी गजराज, उदय, ललित के साथ पिछले हिस्से में बंद पड़ी कंपनी से महागुन टावर में घुसे थे। गार्डों के शोर मचाने की वजह से उन्हें भागना पड़ा। इसके बाद 22 अप्रैल को विजयनगर में डॉ. रामप्रकाश सारस्वत के आंगन में गजराज, उसकी पत्नी सीमा, उदय, ललित, सचिन ठाकुर व उसके मामा नवरत्न ने मीटिंग की। उसमें तय किया गया कि ज्यादा संख्या में इकट्ठे होकर वारदात को अंजाम दिया जाए। इसके बाद ललित ने बैठक में पूरे टावर का नक्शा बनाकर सामने रखा। सभी बदमाश 27 अप्रैल को रात 11 बजे तिगरी चौक पर इकट्ठे हुए। इसके बाद सभी लोग रात 1 बजे ट्रक से महागुन के पीछे बंद पड़ी कंपनी के गेट पर पहुंचे। वहां पर ललित व ड्राइवर ट्रक में रहे, जबकि बाकी लोग दीवार फांदकर टावर में कूद गए। इसके बाद तीनों गार्डों को घेरकर बंधक बना लिया गया। फिर पहली मंजिल पर जाकर तिजोरी को सीढ़ियों से धक्का देकर नीचे लाया गया और फिर वहां खड़ी सेंट्रो कार में लादकर ले गए। बाकी लोग ट्रक से वहां से निकले। वियनगर में डॉ. रामप्रकाश के घर में ले जाकर तिजोरी को कटर से काटा गया और लूटी हुई सेंट्रो को 130 मीटर रोड पर खड़ा कर दिया गया। बदमाशों को तिजोरी में कुल 35 लाख रुपये और सोने के 6 सिक्के मिले। उन्होंने डकैती सफल हो जाने पर सबसे पहले 4 लाख रुपये भंडारे के लिए निकाले और 2 लाख रुपये वकील की फीस के लिए रख दिए। इसके बाद बाकी पैसा लूट में शामिल बदमाशों में बांट दिया गया। वारदात में शामिल उदय, गजराज, सचिन, विवेक, ललित, ओमप्रकाश और सीमा को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि बाकी फरार हैं। पकड़े गए बदमाशों में उदय एमकॉम और विवेक एमबीए कर चुका है। गजराज और उसकी पत्नी सीमा 2015 में सेक्टर 63 में हुई लूट में भी कुछ समय के लिए जेल गए थे। पुलिस ने 8 लाख रुपये, दो सेंट्रो कार, 3 तमंचे, कटी हुई तिजोरी, दो बाइक और डीवीआर को बरामद कर लिया है।