उपभोग प्रवृति में सुस्ती चिंताजनक : कोटक
नई दिल्ली : आय में पर्याप्त वृद्धि नहीं होने से भारतीय परिवारों को अपने उपभोग में कटौती करनी पड़ी होगी और उपभोग में कमी का यह पैटर्न चिंताजनक है। यह बात हालिया एक रिपोर्ट में कही गई है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इच्टिीज रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाली सरकार को देश की कमजोर आर्थिक विकास दर में सुधार लाने के दबाव से जूझना पड़ सकता है। यह रिपोर्ट समष्टिगत और व्यष्टिगत आंकड़ों पर आधारित है। चौथी तिमाही (वित्त वर्ष 2019) में उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियों की कमजोर संवृद्धि दर आवासीय क्षेत्र में पिछले पांच-छह साल में और पिछले एक साल से अधिक समय से ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में मंदी को दर्शाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आवासी क्षेत्र में मांग पिछले कई साल से कमजोर बनी हुई है और प्रॉपर्टी की कीमतें मुख्य रूप से स्थिर बनी हुई है। आवासीय रियल स्टेट क्षेत्र में कुल व्यय काफी कम है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑटो क्षेत्र की बिक्री पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से सुस्त बनी हुई है। उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियों की बिक्री को देखें तो सामान्य उपभोग की प्रवृति भी कमजोर बनी हुई है।