देहरादूनः ये मित्र पुलिस का वो चेहरा है जिस पर उत्तराखंड के डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने आईजी रहते हुए एक किताब लिखी थी ‘मैन इन खाकी.’ आज मैन इन खाकी को चरितार्थ करते हुए प्रदेश पुलिस ने बेहद मानवीय चेहरा दिखया ये चेहरा है मदद का. उन परिजनों के मदद का जिनके अपने पुलवामा हमले में शहीद हो गए.
पुलिस मुख्यालय ने लिया निर्णय
पुलवामा में उत्तराखंड के भी दो जवान हुए थे शहीद बड़ी बात ये है कि बीते दिनों पुलिस मुख्यालय द्वारा इस बाबत आपस मे बात की गई और प्रदेश पुलिस के हर अधिकारी व कर्मियों ने स्वेक्षा से लिया आर्थिक मदद का निर्णय लिया है. खुद प्रदेश पुलिस के मुखिया अनिल के रतूडी हो या फिर पुलिस मुख्यालय में बैठने वाले अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जिलों में तैनात तमाम पुलिसकर्मी. पीएचक्यू के निर्णय पर किसी भी पुलिसकर्मी ने ना नहीं की. जिसकी जितनी क्षमता थी सबने दिल खोलकर मदद की.
सभी शहीदों के परिजन की होगी आर्थिक मदद
पुलिस मुख्यालय द्वारा की गई इस पहल में सहायता राशि आने का क्रम जारी है .इस राशि मे से 50 प्रतिशत राज्य के मूल निवासी शहीद दो जवानों के परिजन व 50 प्रतिशत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के माध्यम से अन्य शहीदों को दी जाएगी. इसी क्रम में डीजीपी अनिल के रतूडी के निर्देश पर एसएसपी देहरादून ने शहीद मोहन लाल की पत्नी सरिता देवी को उनके घर जाकर पुलिस परिवार की तरफ से 7,25000 रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की.
अमूल्य है ये मदद
एसएसपी निवेदिता कुकरेती के घर आने की जानकारी नेहरू पुरम एमडीडीए कॉलोनी कांवली रोड पर शहीद मोहन लाल की पत्नी सरिता देवी को स्थानीय पुलिस द्वारा दे दी गई थी. हालांकि सरिता देवी को यह पता नहीं था कि उन्हें कितनी मदद मिलने वाली है सवा सात लाख रुपये काफी होते हैं. एसएसपी ने उम्मीद जताई कि ये रकम परिवार के कुछ तो काम आएगी. एसएसपी ने शहीद परिवार को भरोषा दिया कि पुलिस आगे भी उनके साथ खड़ी रहेगी.