गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी के नागरिकता विवाद पर कोई भी जानकारी देने से किया इनकार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता विवाद पर गृह मंत्रालय ने अपने नोटिस का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया है। इस मामले में आरटीआइ द्वारा गृह मंत्रालय से जानकारी मांगी थी। गृह मंत्रालय ने आरटीआइ कानून का हवाला देते हुए कहा कि आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (एच) और (जे) के तहत मांगी गई जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की जानकारी देने से जांच प्रक्रिया में बाधित हो सकती है।
दरअसल अप्रैल में गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक होने के आरोपों पर स्थिति साफ करने को कहा था। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष को 15 दिन का समय दिया गया था। गृह मंत्रालय ने यह नोटिस भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत पर जारी किया था।
अप्रैल में राहुल गांधी को भेजे गए नोटिस में गृह मंत्रालय के निदेशक (नागरिकता) बीसी जोशी ने भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत का हवाला दिया था। इसमें स्वामी ने 2003 में खोली गई कंपनी बैकॉप्स लिमिटेड का जिक्र किया है। स्वामी के अनुसार, इस कंपनी में राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे।
10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को कंपनी की ओर से भरे गए वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून 1970 नागरिकता ब्रिटिश बताई गई थी। यही नहीं, 17 फरवरी 2009 में जब कंपनी को बंद किया गया, तब भी नागरिकता ब्रिटिश बताई थी। जोशी ने एक पखवाड़े में राहुल गांधी को अपनी नागरिकता को लेकर अपना पक्ष गृह मंत्रालय को अवगत कराने को कहा था।
गौरतलब है कि राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में भी 2015 में जनहित याचिका दाखिल की थी। लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने 2017 में गृह मंत्रालय से शिकायत कर आरोपों की जांच की मांग की थी। अप्रैल में उन्होंने गृह मंत्रालय को फिर से राहुल गांधी के खिलाफ आरोपों की जांच का अनुरोध किया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने नोटिस जारी किया था।