पिछले तीन सालों में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर अपशब्द कहने के मामले में 119 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह आंकड़े सरकार ने मुहैया करवाए हैं। इस खुलासे ने राज्य विधानसभा में खलबली मचा दी है। विपक्ष विजयन की तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कर रहा है।
यह आंकड़े मुख्यमंत्री ने यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता एमके मुनीर के सवाल पूछे जाने पर इस साल की शुरुआत में खुद जारी किए थे। इस मामले को दोबारा मंगलवार को विधानसभा में उठाया गया। विपक्षी नेता रमेश चेन्नितला ने विधानसभा में कहा, ‘पिनराई विजयन योगी आदित्यनाथ के पदचिन्हों पर चल रहे हैं। यदि कोई उनके खिलाफ मुंह खोलता है तो कार्रवाई की जाती है। लेकिन मुझे गालियों से निशाना बनाया गया, पुलिस में सीधे शिकायत करने के बावजूद कुछ नहीं हुआ।’
आंकड़ों के अनुसार 119 में से 12 लोग सरकारी कर्मचारी हैं। अन्य 29 के खिलाफ विभागीय स्तर की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें आपराधिक धमकी से लेकर अश्लील शब्दों और गीतों के उच्चारण करने तक शामिल हैं। 2018 में एक 45 साल के शख्स को कथित तौर पर मुख्यमंत्री की अपमानजनक तस्वीर को प्रसारित करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
इस तस्वीर में लिखा था- इल्लम शरियाकुम। जिसका मतलब होता है हम सब ठीक कर देंगे। इस नारे का इस्तेमाल लेफ्ट चुनाव में करता है। दूसरी घटना में मुख्यमंत्री और उनके पारिवार की पृष्ठभूमि पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज है। उसपर सार्वजनिक स्थान पर अश्लील गाना गाने का भी आरोप है।
एमके मुनीर ने कहा, ‘पिनराई विजयन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तहत जो कुछ हो रहा है, उसमें कोई अंतर नहीं है। विजयन के खिलाफ की गई कोई भी टिप्पणी और आलोचना सीधे पुलिस स्टेशन पहुंचा देती है। लेकिन विपक्ष की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।’ हालांकि लेफ्ट का कहना है कि मामले बहुत अपमानजनक टिप्पणी करने की वजह से दर्ज किए गए हैं और इसमें मुख्यमंत्री शामिल नहीं हैं।