सहायक शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, अब गांव से शहर में नहीं हो सकेंगे तबादले
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों के अंतरजनपदीय तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन 15 से 22 जुलाई तक लिए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र के स्कूलों में स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। सामान्य जिलों में 15 प्रतिशत से अधिक रिक्त पद होने और आठ महत्वाकांक्षी जिलों में दस प्रतिशत से अधिक रिक्त पद होने पर वहां कार्यरत शिक्षकों – शिक्षिकाओं का अंतरजनपदीय स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। तबादला प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी की जाएगी। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने ऑनलाइन तबादला नीति 2019 प्रस्तावित की है।
प्रस्तावित नीति के तहत 23 मार्च 2019 तक रिक्त हुए पदों का विवरण एनआईसी की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। जिले में लगातार पांच वर्ष तक कार्यरत शिक्षक अंतरजनपदीय तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदक को वरियता के क्रम में 3 जिलों का विकल्प देना होगा।
प्रस्तावित नीति के तहत छूट और गुणांक प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र की प्रति भी अपलोड करनी होगी। आवेदक को ऑनलाइन आवेदन का प्रिंट बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दो प्रतियों में जमा कराना होगा। बीएसए दफ्तर से उसकी प्राप्ति रसीद भी दी जाएगी। बीएसए ऑनलाइन आवेदन पत्रों का अपने रिकार्ड से मिलान कर उसका सत्यापन करेंगे।
बीएसए भी नहीं कर सकेंगे मनमानी
तबादला नीति में बेसिक शिक्षा अधिकारियों की मनमानी पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। बीएसए आवेदन पत्र भरने की तिथि से एक सप्ताह के अंदर आवेदन पत्र का परीक्षण कर उसे सत्यापित या निरस्त करेंगे। सत्यापित आवेदन पत्र की एक प्रति, आवश्यक साक्ष्यों और दस्तावेजों के साथ खुद के पास सुरक्षित रखेंगे और एक प्रति बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव कार्यालय में जमा करानी होगी।
बीएसए को यह प्रमाण पत्र भी देना होगा कि उनके जिले में निर्धारित तिथि तक कितने प्रिटेंड आवेदन पत्र प्राप्त हुए, उनमें से कितने आवेदन पत्र सत्यापित किए और कितने निरस्त किए गए। प्रमाण पत्र में आवेदन निरस्त करने का कारण भी स्पष्ट करना होगा। निरस्त आवेदन पत्रों की सूची परिषद के सचिव कार्यालय को भेजनी होगी और उसे अपने दफ्तर के नोटिस बोर्ड पर भी चस्पा करना होगा।
जिलास्तरीय तबादले के बाद होंगे अंतरजनपदीय तबादले
अंतरजनपदीय तबादलों से पहले जिला स्तरीय तबादले और समायोजन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिले के अंदर ही एक स्कूल से दूसरे स्कूल में तबादले और समायोजन के लिए सभी बीएसए से 10 जुलाई तक रिक्त पदों की रिपोर्ट ली जाएगी।
इन पर लागू नहीं होगी जिले में पांच वर्ष सेवा अवधि की शर्त
दिव्यांग शिक्षक और महिला शिक्षकों पर कार्यरत जिले में पांच वर्ष की सेवा अवधि की शर्त लागू नहीं होगी। अध्यापकों के पारस्परिक तबादले भी किए जाएंगे। पारस्परिक स्थानांतरण में भी कार्यरत जिले में पांच वर्ष के ठहराव की शर्त से छूट मिलेगी।
अनुशासनात्मक कार्रवाई तो तबादला नहीं
प्रस्तावित नीति में जिन अध्यापक और अध्यापिकाओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है उनका स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। बीएसए ना तो ऐसे शिक्षकों का आवेदन पत्र सत्यापित करेंगे ना ही उसे आगे की कार्रवाई के लिए प्रस्तुत करेंगे।
15 प्रतिशत से अधिक रिक्त पद, तो नहीं तबादला
प्रस्तावित तबादला नीति में सामान्य जिलों में 15 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त होने पर वहां कार्यरत शिक्षकों का दूसरे जिलों में तबादला नहीं किया जाएगा। महत्वाकांक्षी जिले सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बलरामपुर में दस प्रतिशत से अधिक पद रिक्त होने पर वहां कार्यरत शिक्षकों का तबादला नहीं किया जाएगा।
पति-पत्नी को एक जिले मिल सकेगी तैनाती
आवेदक के पति या पत्नी उत्तर प्रदेश सरकारी सेवा में कार्यरत हो तो उन्हें रिक्त पद उपलब्ध होने पर एक ही जिले में तैनात किया जा सकेगा।
ये होगा मानक और गुणांक
1. आवेदक स्वयं विकलांग होने पर – 10 अंक
2. आवेदक की पत्नी, पति या बच्चे विकलांग होने पर – 5 अंक
3. आवेदक स्वयं, पति, पत्नी या बच्चे गंभीर (असाध्य) रोग से ग्रस्त होने पर – 5 अंक
4. महिला शिक्षक को – 5 अंक