नवजोत सिद्धू की लॉटरी लग सकती है, क्योंकि उन्हें कांग्रेस में बड़ा पद मिलने की अटकलें चल रही हैं। वहीं कैप्टन से भी विवाद सुलझने के आसार हैं। प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार सिद्धू अगले एक-दो दिन में अपना नया विभाग बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत का चार्ज संभाल सकते हैं। साथ ही पार्टी सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें राष्ट्रीय महासचिव का ओहदा भी दे सकती है। गौरतलब है कि गत 6 जून को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा सिद्धू समेत कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया गया था। इस फैसले के तहत सिद्धू से लोकल बॉडीज और पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग वापस लेकर उन्हें बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत विभाग का जिम्मा सौंपा गया था।
चूंकि कैप्टन ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद लोकल बॉडीज विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे और सिद्धू से विभाग वापस लेने की बात कही थी। इसलिए मंत्रियों के विभागों में फेरबदल को विशेष तौर पर सिद्धू के खिलाफ कैप्टन की कार्रवाई के रूप में देखा गया।
विभाग बदले जाने से नाराज सिद्धू दिल्ली पहुंच गए और उन्होंने राहुल व प्रियंका गांधी से मिलकर न सिर्फ कैप्टन की शिकायत की, बल्कि अपना पुराना विभाग वापस भी मांगा।
आलाकमान के करीबी कुछ नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार, सिद्धू ने अपना विभाग बदले जाने के फैसले को, अपना कद घटाए जाने के रूप में आंका था। हालांकि राहुल ने उन्हें नया विभाग ही संभालने के निर्देश दिए गए, लेकिन सिद्धू ने तब यह मांग रखी कि वे नया विभाग तो संभाल लेंगे पर उन्हें इसके साथ डिप्टी सीएम का ओहदा भी दिया जाए।
पता चला है कि राहुल ने उन्हें डिप्टी सीएम बनाने की बात तो नहीं मानी, लेकिन इतना भरोसा जरूर दिलाया कि जल्दी ही उन्हें पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, यानी सिद्धू को राष्ट्रीय नेता के रूप में पहचान दिलाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार, सिद्धू इस बात पर राजी हो गए और उन्होंने राहुल के निर्देशानुसार चंडीगढ़ लौटकर पूरी तरह चुप्पी साध ली। दूसरी ओर, कैप्टन ने भी सिद्धू को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया। इस मामले पर सिद्धू और कैप्टन दोनों ने ही मीडिया से दूरी बना ली थी।