प्रदेश मंत्रिमंडल की बुधवार को होने वाली बैठक में कई अहम निर्णय हो सकते हैं। नई आबकारी नीति में सरकार फिर संशोधन कर सकती है। शराब दुकानों के नीलाम नहीं होने से हो रहे नुकसान से निपटने को नया फार्मूला आने की संभावना है। पूर्व मुख्यमंत्रियों से बकाया आवासीय किराया वसूली को लेकर भी निर्णय हो सकता है। इसके अलावा खनन नीति के तैयार ड्राफ्ट को भी मंत्रिमंडल के समक्ष रखे जाने की तैयारी है। वहीं, कई विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती की मंजूरी भी कैबिनेट दे सकती है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक होगी। कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद प्रदेश सरकार की यह पहली कैबिनेट है। बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर भी चर्चा होगी।
कुछ विधेयक सदन में रखे जाने हैं, जिनसे संबंधित मंत्रियों से मुख्यमंत्री बातचीत कर सकते हैं। प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए खनन विभाग नई खनन नीति ला सकता है। अभी तक सरकार को खनन से साढ़े तीन सौ करोड़ सालाना का राजस्व आ रहा है। नई नीति के तहत लगभग सात सौ करोड़ सालाना का लक्ष्य तय होगा।
इसके अलावा पट्टों और क्रशर के आवंटन के लिए नए नियम आएंगे। नई आबकारी नीति के तहत सरकार को पहली तिमाही में हुए डेढ़ सौ करोड़ के नुकसान पर मंथन होगा। 234 शराब दुकानों की नीलामी नहीं होने से राजस्व घटा है। मंत्रिमंडल से अगर मंजूरी मिली तो विभाग कुछ रियायतों का प्रावधान कर दुकानों को नीलाम करने की कोशिश करेगा।