दिल्ली सरकार की कैबिनेट मीटिंग के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान शहर में पानी की कमी की समस्या पर चिंता जताते हुए बारिश के पानी को बचाने के सुझाव दिए। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि देश में पानी की कमी है, लड़ाइयां हो रही हैं। दिल्ली में भी ग्राउंड वाटर नीचे हो गया है। इसीलिए हमने यमुना के पानी को इकट्ठा करने का बड़ा प्लान बनाया है। उन्होंने कहा कि पानी बचाने को लेकर दिल्ली सरकार ने जो योजना बनाई है, कैबिनेट में उसका प्रस्ताव पास हो गया है। आने वाली बारिश में यमुना के फ्लड प्लेन में पानी बचाया जाएगा। अभी वक्त कम बचा है, लेकिन काम ठोस रूप में शुरू होगा। अपने प्लान में पानी बचाने की योजना को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के रास्ते पर चलने की भी बात की।
आगे पढ़िए क्या-क्या खास है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पानी बचाओ योजना में-
सरकारी बिल्डिंग में होगी रेन वाटर हार्वेस्टिंग। जल बोर्ड को दिए गए हैं निर्देश।
पल्ला से वजीराबाद तक किनारों पर पानी का संचयन होगा।
छोटे-छोटे तालाब बनाए जाएंगे, जिनमें यमुना से ओवर फ्लो वाला पानी इकट्ठा होकर वापस जमीन के नीचे चला जाएगा।
250 झीलों को पुनर्जीवित किया जाएगा।
जिन इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है, वहां सफाई सुनिश्चित होगी।
पल्ला से वजीराबाद तक की लंबाई 30 किमी है और चौड़ाई 3 किमी है। साल में 1 महीने पानी ज्यादा होता है, जिसे बचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रख कर पानी बचाने की इस योजना को पहले ट्रायल पर रखा जाएगा। इसके नतीजों को देखने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।