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मुख्‍तार अंसारी समेत सभी आरोपी भाजपा विधायक कृष्‍णानंद राय हत्‍या मामले में बरी

नई दिल्ली : विशेष सीबीआई अदालत ने आज पूर्व विधायक मुख्‍तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी समेत सभी आरोपियों को भाजपा विधायक कृष्‍णानंद राय हत्‍या मामले में बरी कर दिया। साल 2005 में हुए इस हत्‍याकांड में मुख्‍तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी समेत संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह को आरोपी बनाया गया था। कृष्‍णानंद राय उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। 29 नवंबर, 2005 को कृष्‍णानंद राय और उनके छह समर्थकों की दिनदहाड़े एके-47 से अंधाधुंध गोलीबारी करके हत्‍या कर दी गई थी। सीबीआई ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता माना था। पोस्‍टमार्टम में राय के शरीर में 21 गोलियां पाई गई थीं। उल्‍लेखनीय है कि इस हत्‍याकांड के बाद उत्‍तर प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया था। हत्‍यारों को सजा दिलाने की मांग करते हुए वरिष्‍ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने चंदौली में धरना दिया था। बाद में इस मामले को सीबीआई को सौंपा गया था। राय की पत्‍नी अल्‍का राय की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे। अब करीब 13 साल तक सुनवाई के बाद मुख्‍तार अंसारी को सबूतों की कमी का हवाला देते हुए बरी कर दिया गया है। मुख्तार मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं। बसपा ने 2010 में मुख्‍तार को निकाल दिया था। साल 1996 में मुख्‍तार अंसारी पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। साल 2002 में और 2007 में निर्दल प्रत्‍याशी के तौर पर जीत हासिल की थी। 2007 में वह दोबारा बसपा में शामिल हो गए।

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