करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत-पाक के बीच बैठक शुरू, खालिस्तान का मुद्दा भी उठेगा
करतारपुर कॉरिडोर से जुड़े तकनीकी व अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए भारत-पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच दूसरे दौर की बैठक वाघा बॉर्डर पर शुरू हो गई है। रविवार सुबह इस बैठक में भाग लेने के लिए भारत और पाक के प्रतिनिधिमंडल वाघा बार्डर पहुंचे। पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल की अध्यक्षता में 20 अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहा है।
वहीं भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) एससीएल दास और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पीएआई – पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान) दीपक मित्तल कर रहे हैं। भारतीय अधिकारियों द्वारा खालिस्तानियों को करतारपुर कॉरिडोर की बैठकों से दूर रखने और इसे आतंक मुक्त रखने का मुद्दा उठाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों की अनुमति, गुरुपर्वों और विशेष ऐतिहासिक मौकों पर 10 हजार श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा साहिब के दर्शन की मांग, श्रद्धालुओं की एंट्री फीस पर भी बैठक में चर्चा होगी।
उद्घाटन समारोह की तारीख पर चर्चा
बैठक में करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन कार्यक्रम की तारीख पर सहमति बन सकती है। उद्घाटन समारोह में दोनों देशों के कौन-कौन से गण्यमान्य शामिल होंगे, उस सूची पर भी चर्चा होगी। पाकिस्तान की तरफ से प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पाकिस्तानी पक्ष का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
टाइम टेबल पर बन सकती है सहमति
इस बैठक में कॉरिडोर को खोलने और बंद करने के टाइम टेबल पर सहमति बन सकती है। साथ ही गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं को कितनी करेंसी अपने पास रखने की अनुमति होगी, कॉरिडोर के रास्ते पर निगाह रखने के लिए वीडियोग्राफी कराने और पूरे रास्ते में सीसीटीवी कैमरों लगाने पर भी चर्चा होगी। श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं पर भी निर्णय होगा। दोनों देशों की बीच हॉटलाइन व्यवस्था भी स्थापित की जाएगी।
सड़क और पुल निर्माण का कार्य जारी
सूत्रों ने बताया कि भारत की सीमा में फोर लेन राजमार्ग बनाने पर काम जोरशोर से जारी है। अधिकारियों ने बताया कि इस राजमार्ग का काम सितंबर तक पूरा हो जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग 354 तक गलियारा के जीरो प्वाइंट को जोड़ने वाले इस राजमार्ग का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल बना रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी ओर इसी तरह का एक पुल बनाने का अनुरोध किया है, जो श्रद्धालुओं को सुरक्षित आवाजाही मुहैया करेगा तथा बाढ़ से जुड़ी चिंताओं का हल करेगा। यह पुल एक क्रीक (जल धारा) के ऊपर है जिसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है।