आफत बनी ट्रकों की हड़ताल, अब सभी सप्लाई बंद करने का ऐलान
हालांकि अभी तक लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए जरूरी खाद्य पदार्थों की ढुलाई करने वाले वाहनों का संचालन नहीं रोका गया था। लेकिन आने वाले दिनों में इनका भी संचालन रुक सकता है।
यदि ऐसा होता है तो शहर वासियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वैसे ही ट्रेनों के हड़ताल से सब्जियों समेत कई सामान के दाम बढ़ गए हैं।
शनिवार को चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की बैठक अध्यक्ष केके अबरोल के नेतृत्व में हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अब दूसरे राज्यों से सब्जियों और फलों के ट्रक आ रहे हैं, उन्हें भी रोका जाएगा।
शहर से भी कोई ट्रक नहीं चलने दिया जाएगा। एसोसिएशन के ज्वाइंट सचिव संजीव दीवान का कहना है कि इस समय शहर में 600 से 700 ट्रक ऐसे हैं, जोकि हड़ताल के कारण नहीं चल रहे हैं।
उद्यमियों ने साफ किया है कि यदि हड़ताल दो दिन और चली तो इकाइयां बंद करने की नौबत आ जाएगी। फिलहाल हड़ताल टूटने के संकेत नहीं मिल रहे हैं।
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई हड़ताल से पूरी तरह मुक्त है, ताकि आम आदमी को किसी भी तरह की दिक्कत न आए। सब्जी मंडी आढ़तियों का भी कहना है कि मंडी में फलों और सब्जियों की सप्लाई बराबर बनी हुई है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (फियो) के अध्यक्ष एससी रल्हन का कहना है कि ट्रक हड़ताल का निर्यात पर काफी असर पड़ा है। पोर्ट पर माल अटका है, उसका अतिरिक्त डैमेज निर्यातक को पड़ रहा है। इकाइयों में तैयार माल उठ नहीं पा रहा है। नार्दर्न इंडिया फर्नेस एसोसिएशन के प्रधान संदीप जैन का कहना है कि इंडस्ट्री में स्क्रैप आना बंद हो गया है। उद्यमियों के पास एक दो दिन का स्क्रैप बचा है।
यदि हड़ताल न टूटी तो दो दिन बाद इकाइयां बंद करने की नौबत आ जाएगी। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल अंडरटेकिंग्स के प्रधान अवतार सिंह का कहना है कि पोर्ट से दूरी के कारण पंजाब में अस्सी फीसदी कच्चा माल विदेशों या अन्य राज्यों से आता है, जबकि नब्बे फीसदी से अधिक तैयार माल अन्य राज्यों को भेजा जाता है।
हड़ताल का अधिक असर पंजाब पर हो रहा है। इंडस्ट्री पहले ही आर्थिक मंदी से आहत है, रही सही कसर हड़ताल ने पूरी कर दी है। चैंबर ने सरकार से हड़ताल खत्म कराने का प्रयास करने का अनुरोध किया है।