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भारत के लिए दोगुनी ख़ुशी का दिनः हाफिज को जेल और कुलभूषण की फांसी पर रोक

17 जुलाई का दिन भारतीयों के लिए गर्व का कहा जा सकता है। सुबह खबर आई कि पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग के आरोप में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद को गिरफ्तार कर लिया है। जिस समय उसे गिरफ्तार किया गया, उस वक्त वो लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था। इसे भारतीय दवाब के रूप में भी देखा जा रहा है। हालांकि इसके मायने काफी विस्तृत हैं, क्योंकि इस समय पाकिस्तान भयंकर आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। अर्थव्यवस्था ठप हो चुकी है और पैसों की किल्लत चरम पर है। पाकिस्तान कभी सऊदी देशों से मदद मांग रहा है तो कभी विश्व बैंक के आगे हाथ फैला रहा है।

मुल्क के वजीर-ए-आजम इमरान खान अमेरिका से रिश्तों में सुधार की उम्मीद लिए वॉशिंगटन जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान को अपनी जमीन पर पल रहे आतंकवाद को रोकना होगा, वरना अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में वह अलग-थलग पड़ सकता है। इसी वजह से इमरान के दौर के ठीक पहले हाफिज को जेल में डाल दिया गया है, ताकि ट्रंप को खुश किया जा सके। हालांकि आदत से मजबूर पाकिस्तान कितने दिनों तक सईद में कैद में रखेगा, इससे पूरी दुनिया वाकिफ है।

अब आते हैं, दूसरी खबर की ओर। इसका संबंध भी पाकिस्तान और भारत से है। दरअसल भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने ईरान से अगवा करके अपने यहां जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर रखा है। पाकिस्तानी सैन्य अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा चला और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। लेकिन भारत ने मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले गया, जहां हुई सुनवाइयों के बाद जाधव को फौरी राहत को मिल ही गई है।

आईसीजे ने फिलहाल फांसी की सजा पर रोक लगा दी है और अब जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस भी मिलेगा। इससे उनके परिजनों, दोस्तों और देश में हर्ष का माहौल है। भारत सरकार ने इसे सत्य की जीत कहा है। वहीं पाकिस्तानी सिर पीट रहे हैं।

दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसे मुंह की खानी पड़ी है। हालांकि इस फैसले से जाधव की रिहाई नहीं होगी और वो अब भी पाकिस्तानी कैद में ही रहेंगे। लेकिन राहत की बात यह है कि अब कूटनीतिक स्तर इस मामले को लाया जा सकेगा।

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