पटना : बिहार के पिपरा-पिपरासी (पीपी) तटबंध में कई जगहों पर चूहों ने आतंक मचा रखा है। इस पर जगह-जगह रैट होल बना दिए हैं। पहली बरसात के बाद जब गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई तो इनसे पानी का रिसाव होने लगा था। एसडीएम ने निरीक्षण के बाद रैट होल पर गहरी चिंता जताते हुए अभियंताओं को निर्देश दिया है कि अविलंब इन्हें भरा जाए। साथ ही तटबंध को अतिक्रमणमुक्त किया जाए। अगर इसकी मरम्मत नहीं हुई तो तबाही मचनी तय है।
उत्तर प्रदेश के कटाई भरपुरवा से भितहां की भुईधरवा पंचायत तक गंडक पर बने करीब 35 किलोमीटर लंबे पिपरा-पिपरासी तटबंध में चूहों ने कई जगह सुराख बना दिए हैं। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि पिछले साल बरसात के बाद तटबंध पर अतिक्रमणकारियों ने डेरा जमा लिया। उनके साथ वहां चूहों ने भी बसेरा बना लिया। एसडीएम विजय प्रकाश मीणा ने बताया कि तटबंध पर अतिक्रमण करने वालों के साथ प्रशासन सख्ती से निपटेगा। रैट होल के कारण रिसाव की आशंका बनी हुई है। अभियंताओं और अधिकारियों की टीम जल्द ही अभियान चलाकर पीपी तटबंध को अतिक्रमणमुक्त करेगी। उन्होंने इसके लिए अंचलाधिकारियों व थानाध्यक्षों को भी पत्र लिखा है। पिपरा-पिपरासी तटबंध के कारण गंडक की बाढ़ से सैकड़ों गांवों को सुरक्षा मिलती है। यदि तटबंध टूटा तो गंडक पार के चारों प्रखंडों समेत सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कई गांवों में तबाही मचेगी। इस तटबंध को सबसे अधिक खतरा चूहों से ही रहा है। वर्ष 2012-13 में तिनफेडिय़ा के समीप यह तटबंध टूट गया था।