शीला दीक्षित के बेटे ने कहा- मां को खोने का दर्द मिटाया नहीं जा सकता
शीला दीक्षित के आकस्मिक निधन पर शनिवार को उनके बेटे संदीप दीक्षित ने कहा, मां को खोने का दर्द नहीं मिटाया जा सकता। कांग्रेस नेता संदीप ने कहा, मेरी मां नहीं रहीं, यह स्वाभाविक है कि मैं उन्हें याद करूंगा। जब भी लोग तरक्की करती दिल्ली की बात करेंगे, शीला जी को हमेशा याद किया जाएगा। संदीप ने अपनी मां को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, शीला दीक्षित की विरासत को आगे बढ़ाना बहुत बड़ी चुनौती होगा। जब भी कोई जमीन से जुड़ा हुआ नेता होता है, तो उसकी विरासत को आगे बढ़ाना बहुत चुनौतीपूर्ण साबित होता है। वह (शीला) मेरे लिए और उन हजारों लोगों के लिए एक रोल मॉडल थीं, जो अच्छी राजनीति में विश्वास करते हैं।
संदीप ने कहा, मुझे यकीन है कि हम उनके नेतृत्व को विभिन्न रूपों में आगे बढ़ाएंगे। दो बातें हैं- पहली मेरी मां का निधन हो चुका है। यह स्वाभाविक है कि मैं बेटे के तौर पर उन्हें याद करूंगा। दूसरी एक नेता के तौर पर-ममेरा मानना है कि बहुत ज्यादा नहीं हैं, जो मेरी मां की तरह ‘असाधारण जिंदगी’ जीते हैं।
संदीप ने कहा, आमतौर पर राजनीतिक जिंदगी में यह बेहद कठिन होता है कि आप अच्छे कामों के लिए याद किए जाते हैं। मुझे यकीन है कि उन्होंने दिल्ली के लिए जो काम किया है, वह लगातार हमें प्रेरित करती रहेंगी। संदीप ने अपनी मां को उस व्यक्ति के तौर पर भी परिभाषित किया, जो पार्टी और राजनीति के लिए प्रतिबद्ध होता है और अपने स्वास्थ्य की भी परवाह नहीं करता। उन्होंने कहा, यही कारण है कि 80 साल की उम्र में भी जब पार्टी ने उन्हें कहा, तो वह लोकसभा चुनाव भी लड़ने उतरीं।
15 दिन से थी बेहद कमजोर
संदीप ने कहा, पिछले 15 दिन से वह (शीला) बेहद कमजोरी महसूस कर रही थीं। उनके कई मेडिकल टेस्ट हो चुके थे और उनका दिल पूरी तरह ठीक पाया गया था। सुबह जब वह अस्वस्थ पाई गईं, तो यह बेहद हैरान करने वाला था। मैं उन्हें अस्पताल ले गया। डॉक्टरों ने कहा कि वह स्वस्थ नहीं हैं। दोपहर में करीब 2.30 या 3 बजे उन्हें गंभीर हृदयाघात हुआ और उनका निधन हो गया।