अंतिम संस्कार से पहले कांग्रेस मुख्यालय में दी जाएगी शीला दीक्षित को सलामी…
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से शनिवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया है. शीला दीक्षित की मौत से पूरा राजनीतिक जगत शोक में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने शीला दीक्षित के निधन पर दुख जाहिर किया. दिल्ली के निगम बोध घाट में आज (रविवार) उनका अंतिम संस्कार होगा. इससे पहले उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय में लाया जाएगा, जहां अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे.
शीला दीक्षित अब नहीं रहीं हैं, लेकिन उनकी सौम्य, सहज और सुलझी हुई शख्सियत की छवि हमेशा लोगों के बीच रहेगी. 90 के दशक वाली दिल्ली को जानने वाला हर शख्स ये जानता है कि शीला दीक्षित ने कैसे इस शहर की पहचान बदल कर रख दी. उन्होंने भीषण जाम वाले शहर से फ्लाइओवर वाला शहर, ट्रैफिक से लड़ते दिल्लीवालों को रफ्तार की सौगात, डीजल वाली डीटीसी बसों की जगह सीएनसी वाली बसें, बिजली, स्कूल, अस्पताल और मेट्रो समेत कई सौगात दी हैं.
अब सबकुछ पीछे छूट गया और शीला दीक्षित शून्य में समा गईं हैं. दिल्ली की सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है. शनिवार दोपहर उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में शीला दीक्षित को भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टरों की कोशिशों के बाद भी शीला दीक्षित की सांसें टूट गईं.
कांग्रेस दफ्तर लाया जाएगा पार्थिव शरीर
शीला दीक्षित के पार्थिव शरीर को आज उनके घर से सुबह साढ़े 11 बजे कांग्रेस दफ्तर लाया जाएगा. दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक पार्थिव शरीर के दर्शन किए जा सकेंगे. इसके बाद वहां से पार्थिव शरीर को निगम बोध घाट ले जाया जाएगा, जहां 2.30 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा.
शीला के निधन से सियासी गलियारे में शोक की लहर
शीला दीक्षित के निधन के बाद सियासी गलियारे में शोक की लहर फैल गई. विपक्ष समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. राहुल और प्रियंका गांधी ने श्रद्धांजलि देते हुए अपने ट्विटर संदेश में शीला दीक्षित से अपने निजी लगाव का जिक्र किया. पार्टी के तमाम बड़े चेहरे शीला के अचानक चले जाने से सकते में हैं.
शीला दीक्षित के निधन के बाद करगिल शहीदों पर कार्यक्रम एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है. वहीं दिल्ली सरकार ने दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. शीला दीक्षित वर्ष 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रही हैं. उनके आकस्मिक निधन के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया.