श्रीनगर : राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें राजनीति के क्षेत्र में बच्चा करार दिया। मलिक ने कहा कि अब मैं इनका भ्रष्टाचार उजागर करके ही कश्मीर से जाऊंगा। दरअसल, रविवार को मलिक ने विवादास्पद बयान दिया था कि आतंकी सुरक्षाबलों और बेगुनाहों को नहीं, बल्कि उन्हें मारें, जिन्होंने सालों तक भ्रष्टाचार कर कश्मीर को लूटा है। इस पर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, अब अगर कश्मीर में किसी नेता या नौकरशाह की हत्या हो तो इसे राज्यपाल का आदेश समझें। जम्मू—कश्मीर के राज्यपाल ने कहा कि मैंने भ्रष्टाचार से परेशान होकर सिर्फ गुस्से में बयान दिया था। बतौर राज्यपाल मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था। आज राज्य के कई राजनेता और शीर्ष नौकरशाह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ऐसे सभी लोग मेरी नजर में अपराधी हैं। अगर राज्यपाल के पद पर काबिज नहीं होता तो यही बात कहता। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आतंकियों और भ्रष्टाचारियों से जुड़े मलिक के बयान का विरोध किया। उन्होंने ट्वीट किया कि अब अगर कश्मीर में किसी नेता या नौकरशाह की हत्या होती है तो इसे राज्यपाल का आदेश समझा जाए।
सत्यपाल मलिक को पहले खुद के अंदर झांकना चाहिए, फिर दूसरों पर उंगली उठाएं। मलिक ने उमर की प्रतिक्रिया पर उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, वह हर मुद्दे पर ट्वीट कर राजनीति में बच्चों के जैसा बर्ताव करता है। ट्विटर पर पोस्ट देखिए आपको सब कुछ पता चल जाएगा। 90 प्रतिशत लोग उसके ट्वीट का विरोध करते हैं। चाहो तो गलियों में जाकर लोगों से पूछ लो। कश्मीर की जनता से मेरी और इनकी प्रतिष्ठा के बारे में पूछ लीजिए। मैं दिल्ली में अपनी प्रतिष्ठा की वजह से यहां हूं और आप लोग अपनी प्रतिष्ठा से जहां हो वहां होना चाहिए। मेरे पास न तो बाप-दादा का नाम है और न ही तुम्हारी तरह पैसा है। डेढ़ कमरे के मकान से यहां तक पहुंचा हूं। गारंटी देता हूं कि इनका भ्रष्टाचार सबको दिखाकर ही जाऊंगा। मलिक ने करगिल में कार्यक्रम में कहा था कि जिन लड़कों ने हाथों में बंदूकें उठा ली हैं, वे अपनों की ही हत्या कर रहे हैं। वे निजी सुरक्षा अधिकारियों और विशेष पुलिस अधिकारियों की हत्या कर रहे हैं। आप इनकी हत्या क्यों कर रहे हैं? उनकी हत्या करिए, जिन्होंने कश्मीर की सम्पदा को लूटा। क्या आपने उनमें से किसी को मारा? हथियार कभी समस्या का हल नहीं होते।