जयपुर : केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि केन्द्र सरकार समाज के सभी वर्गों के विकास के लिये महत्वपूर्ण कार्य कर रही है और देश में महत्वपूर्ण सामाजिक योजनाओं के लिये समान प्रावधानों के लिये जल्द ही विचार-विमर्श किया जायेगा। श्री अठावले आज यहां प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के साथ सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्रालय द्वारा देश के सभी राज्यों को योजनाओं के लिये बजट आवंटन किया जा रहा है। जिससे इसका लाभ देश में लाभार्थियों को मिल सके। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार को मजबूती देने के लिये सरकार महत्वपूर्ण बदलाव कर रही है, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक के साथ पूर्ण पारदर्शिता आयेगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में महत्वपूर्ण सामाजिक योजनाओं के लिये समान प्रावधानों के लिये जल्द ही विचार-विमर्श किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि आज राजस्थान की सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में लगभग एक लाख 43 हजार विद्यार्थियों को लगभग 198 करोड़ रूपये की राशि की छात्रवृत्ति दी गई है। वर्ष 2016-17 में लगभग 3 लाख 10 हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिये 283 करोड़ रूपये और वर्ष 2018-19 में 428 करोड़ रूपये से 339 हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी है। उन्होंने बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिये और अनुसूचित जाति के लिये विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत वर्ष 2017 में 4336, वर्ष 2018 में 4666 और वर्ष 2019 में 2541 मामलें दर्ज किये गये है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का नारा दिया है। इसके द्वारा देश के सभी वर्गों को एक साथ लेकर सभी वर्गों का विकास किया जा सकेगा। इससे देश उन्नति के स्तर पर आगे बढ़ेगा। सरकार द्वारा पिछड़े वर्गों को आगे लाने के लिये महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है, इससे सभी को समानता का स्तर मिल सकेगा। श्री अठावले ने कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं, किसानों, युवाओं, बेराजगारों, दिव्यांगों के लिये योजनाएं बनाई हैं, जिनका उन्हें सीधे लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा पिछड़े वर्गों के साथ सवर्णों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। इसके तहत सवर्णों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में अंर्तजातीय विवाह से समाज के सभी वर्गों में एकता स्थापित होगी। सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिये पांच लाख रूपये की राशि प्रदान करती है।