इस साल रक्षाबंधन पर है12 घंटे का मुहूर्त, जाने पूजा विधि…
हिंदू धर्म में रक्षाबंधन त्योहार को बहुत खास माना जाता है। इस त्योहार का इंतजार सभी भाई-बहन बहुत बेसब्री से करते हैं। ये पर्व खासतौर से सभी भाई बहनों और उनके रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के हाथ में रक्षासूत्र बांधती हैं। इसके साथ ही वो अपने भाई की अच्छी सेहत और लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है। इस साल रक्षा बंधन पर काफी लंबा मुहूर्त मिला है। आइए जानते हैं इस साल रक्षा बंधन की तिथि, मुहूर्त और विधि के बारे में।
रक्षाबंधन की तिथि
इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 15 अगस्त को मनाया जाएगा। लंबे अर्से के बाद सावन माह में 15 अगस्त के दिन चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक साथ बन रहा है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
हर साल बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बंधने के लिए शुभ मुहूर्त जानने के लिए उत्सुक रहती हैं। इस साल उन्हें ये जानकर खुशी होगी कि इस बार उन्हें राखी बांधने के लिए काफी लंबा मुहूर्त मिलने वाला है। साल 2019 में बहनें सुबह 5 बजकर 49 मिनट से शाम के 6 बजकर 1 मिनट तक अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। इस साल राखी के पर्व के लिए 12 घंटों का शुभ मुहूर्त रहेगा।
रक्षाबंधन पांचांग-
रक्षाबंधन 2019- 15 अगस्त
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 05:49 से 17:58
अपराह्न मुहूर्त- 13:43 से 16:20
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 15:45 (14 अगस्त)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 17:58 (15 अगस्त)
भद्रा समाप्त- सूर्योदय से पहले
रक्षाबंधन की पूजा विधि
आप सबसे पहले पूजा की थाल सजाएं। राखी की इस थाली में रोली, अक्षत, कुमकुम, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें। अपने भाई को सबसे पहले तिलक लगाएं। अब भाई के दाएं हाथ की कलाई पर राखी बांधें। रक्षा सूत्र बांधने के बाद भाई की आरती उतारें। भाई को मीठा खिलाएं। भाई आपसे बड़े हैं तो उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। यदि आप बड़े हैं तो भाई को चरण स्पर्श करना चाहिए और आप उन्हें आशीर्वाद दें। राखी बांधने के बाद भाई अपनी सामर्थ्य और इच्छा अनुसार बहनों को भेंट देता है।
राखी बांधते वक्त पढ़ें ये मंत्र:
येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:.
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल..
इसका अर्थ है कि जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे (राखी), तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना।