बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ पर लगा डोपिंग का आरोप, BCCI ने किया 8 महीने के लिए बैन
मुंबई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को डोपिंग नियमों के उल्लंघन करने पर निलंबित कर दिया है. बीसीसीआई ने मंगलवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. बोर्ड ने कहा कि शॉ ने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया जो आमतौर पर खांसी की दवा में पाया जाता है. शॉ के सहित घरेलू क्रिकेट में राजस्थान के लिए खेलने वाले दिव्या गजराज और विदर्भा के लिए खेलने वाले अक्षय डुल्लरवार को भी 8 महीने के लिए सस्पेंड किया है.
बीसीसीआई ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा, “पृथ्वी शॉ की पुष्टि से सहमत होकर बोर्ड ने उन्हें आठ माह के लिए निलंबित किया है. यह निलंबन 16 मार्च 2019 से शुरू हो रहा है और 15 नवंबर को समाप्त होगा.”
बीसीसीआई के अनुसार पृथ्वी शॉ ने इंदौर में 22 फरवरी 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मैच के दौरान बीसीसीआई के डोपिंग रोधी परीक्षण कार्यक्रम के दौरान यूरिन सैंपल दिया था. उनके नमूने में ‘टर्ब्यूटलाइन’ पदार्थ की मात्रा पाई गई है. यह पदार्थ विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की प्रतिबंधित दवाओं की सूची में शामिल है.
बयान में कहा गया है, “16 जुलाई, 2019 को शॉ को बीसीसीआई के डोपिंग रोधी नियमों (एडीआर) के अनुच्छेद 2.1 के अंतर्गत डोपिंग रोधी नियम उल्लंघन (एडीआरवी) का दोषी पाया गया और उन्हें आरोप की जांच होने तक अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया. शॉ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को माना, लेकिन कहा कि उन्होंने अनजाने में इस पदार्थ का सेवन किया, चूंकि उन्हें खांसी थी और इसके लिए उन्होंने जो दवाई ली थी उसमें प्रतिबंधित पदार्थ के अंश थे जिससे वो अनजान थे.”
पृथ्वी शॉ ने ट्वीट करके इसको स्वीकार लिया है और अपने साथी खिलाड़ियों को इन चीज़ों का ध्यान रखने की सलाह भी दी है. शॉ ने अपने ट्वीट में लिखा, “मुझे आज पता चला है कि मैं 15 नवंबर तक क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा. मेरे नमून में प्रतिबंधित प्रदार्थ ‘टर्ब्यूटलाइन’ की मात्रा पाई गई है. दरअसल, मैंने फरवरी 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मैच के दौरान तेज सिर दर्द के कारण खांसी की दवा ली थी. यह सब अनजाने में हुआ. ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान मेरे पैर में चोट लग गई थी. मैं क्रिकेट खेलना चाहता था, इसलिए प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर पाया. खैर, यह सब भाग्य में लिखा था. पिछले टूर्नामेंट में जो चोट लगी है, उससे अभी उबर रहा हूं लेकिन इस बैन की खबर ने मुझे झकझोर दिया है.”
शॉ ने कहा, “मुझे खेल जगत के अन्य खिलाड़ियों को जागृत करना है, उन्हें बताना है कि वह ऐसी दवा न लें क्योंकि यह दवा छोटे-छोटे से मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध है. हमें हमेशा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. मैं बीसीसीआई को भी धन्यवाद देना चाहता हूं. बोर्ड में मेरी बात सुनी. क्रिकेट मेरी जिंदगी है, भारत, मुंबई के लिए खेलने से ज्यादा मेरे लिए कोई दूसरी चीज मायने नहीं रखती.”