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हड़ताल: चौथे दिन भी रहे ट्रकों के चक्के जाम


ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसीके) अध्यक्ष भीम वाधवा ने यहां बताया कि देशभर में ट्रकों के पहिए थमे रहे और करोड़ों रुपए के माल का परिवहन नहीं हो सका। ट्रक मालिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का चौथा दिन है।
उन्होंने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। संगठन के साथ 87 लाख ट्रक और 20 लाख बस और टेम्पो जुड़े हुए हैं। सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद ट्रक मालिकों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। हालांकि इस हड़ताल से दूध, सब्जी और दवा जैसे आवश्यक वस्तुओं को अलग रखा गया है।
ट्रक मालिकों की प्रतिनिधि संस्था एआईएमटीसी और सरकार के बीच की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद ट्रक संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हुई है। ट्रक संचालक टीडीएस के सरलीकरण, करों का केवल एक बार भुगतान और मौजूदा पथ कर प्रणाली को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं।
इस बीच एआईएमटीसी के प्रतिनिधियों ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव विजय छिब्बर से मुलाकात की है लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका। ये प्रतिनिधि सोमवार को गडकरी से मुलाकात करेंगे। ट्रक हड़ताल से तमिलनाडु, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, बिहार और उत्तरप्रदेश में माल का आवागमन प्रभावित हुआ है।
एआईएमटीसी ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिसंबर से इलेक्ट्रॉनिक-टोल सिस्टम पैन-इंडिया का प्रस्ताव दिया है लेकिन पथ शुल्क प्रणाली को पूरी तरह खत्म करने का आश्वासन नहीं दिया। देशव्यापी हड़ताल से सरकार को अब तक 40 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि ट्रक मालिकों ने छह हजार करोड़ रुपए का घाटा उठाया है।
एआईएमटीसी ने सुझाव दिया है कि ट्रक को राष्ट्रीय परमिट देने के लिए एक साथ 30 हजार रुपए और राज्य परमिट के लिए 10 हजार रुपए टोल (वार्षिक) लिया जाना चाहिए। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसएशन इस हड़ताल में शामिल नहीं है।