अफगान राजनयिक ने कहा- कश्मीर विवाद को अफगानिस्तान के शांति प्रयासों से ना जोड़े
अफगानिस्तान के शांति के लिए उठाए गए कदमों या प्रयासों को कश्मीर विवाद के ताजा हालात से जोड़ना असावधानी, जल्दबाजी और लापरवाही से भरा है। यह बात अफगानिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक ने यूएस में अपने पाकिस्तानी समकक्ष असद मजीद खान के उस बयान का जवाब देते हुए कही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर के ताजा हालात का असर अफगानिस्तान में जारी शांति के प्रयासों पर पड़ सकता है। अफगानिस्तान की राजनयिक रोया रहमानी ने रविवार को अपनी बात कहते हुए सवाल किया कि आखिर कश्मीर विवाद को लेकर उपजे ताजा हालात अफगानिस्तान में चल रही शांति वार्ता के प्रयासों को किस तरह प्रभावित कर सकते हैं। पाकिस्तानी राजनयिक का दिया गया यह बयान असावधानी और लापरवाही से भरा है।
रहमानी ने दृढ़तापूर्वक कहा कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है। रहमानी ने कहा कि उनका देश मानता है कि कश्मीर मुद्दे को अफगानिस्तान के साथ जानबूझकर जोड़ने की पाकिस्तान की मंशा और जिद अफगान सरजमीं पर हो रही हिंसा को लंबा करने की एक सोची समझी कोशिश है।
उन्होंने कहा, यह पाकिस्तान द्वारा तालिबान के खिलाफ अपनी निष्क्रियता को सही ठहराने और आतंकवादी समूह के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाने से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक खराब बहाना है।
रहमानी ने पाकिस्तानी राजदूत के हवाले से कहा कि कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान को अफगानिस्तान की अपनी पश्चिमी सीमा से सेना हटाकर भारत की पूर्वी सीमा तैनात करने के लिए मजबूर कर सकता है, यह एक भ्रामक बयान है। जो अफगानिस्तान को पाकिस्तान के लिए खतरा पैदा करने वाले के तौर पर गलत तरीके से पेश करता है।
पाकिस्तान को अफगानिस्तान की ओर से कोई खतरा नहीं है। अफगान सरकार पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के हजारों सैन्य सैनिकों को तैनात रखने के पीछे कोई विश्वसनीय कारण नहीं देखती है। इसके विपरीत, अफगानिस्तान में कायम स्थिरता को अक्सर पाकिस्तान में मौजूद, स्वीकृत और समर्थित आतंकवादी और आतंकवादी समूहों द्वारा धमकी दी जाती रही है।
उन्होंने कहा कि ये आतंकी समूह पाकिस्तान शासित स्थानों से खुले तौर पर काम करते हैं और नियमित रूप से अफगानिस्तान में दहशत फैलाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों को पाकिस्तान के अंदर पुलिस कार्रवाई के माध्यम से एक ईमानदार और मजबूत कानून और व्यवस्था के जरिए इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
रहमानी ने कहा कि उनके पाकिस्तानी समकक्ष का यह बयान हाल ही में अफगान यात्रा पर आए प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ हुई अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की सकारात्मक और रचनात्मक वार्ता के विपरीत है।