उन्नाव केस: दुष्कर्म पीडि़ता की दुर्घटना के मामले में SC ने CBI को दिया जांच का अतिरिक्त समय
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बैकफुट पर लाने वाले उन्नाव दुष्कर्म कांड और पीड़ित के सड़क दुर्घटना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद सीबीआइ को जांच करने के लिए अतिरिकत समय दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस प्रकरण में 14 दिन में जांच का आदेश दिया था।
सीबीआइ ने इसके बाद जांच को गति देते हुए शीर्ष अदालत में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके साथ ही सीबीआई ने कोर्ट से जांच के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। सीबीआइ की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ता का समय देने के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को गंभीर रूप से घायल वकील को पांच लाख रुपया देने का आदेश दिया है।
उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित के एक सड़क हादसे में घायल होने संबंधी मामले की जांच पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को और दो सप्ताह का समय और दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सड़क हादसे में घायल हुए वकील को पांच लाख रुपए देने को कहा है। इससे पहले सीबीआई ने शनिवार को अदालत के समक्ष कहा कि उन्हें इस मामले की जांच पूरी करने के लिए सप्ताह का समय चाहिए। यह मामला उन्नाव दुष्कर्म मामले से संबंधित दर्ज चार मामलों में से एक है। तीस हजारी स्थित जिला जज धर्मेश शर्मा की अदालत के समक्ष सीबीआई ने यह दलील पेश की थी। जिस मामले में सीबीआई ने जांच पूरी करने के लिए समय मांगा है उसमें शुभम सिंह, नरेश तिवारी एवं ब्रजेश सिंह यादव आरोपी हैं। वहीं, आरोपी शुभम सिंह की तरफ से अदालत में कहा कि इस मामले से संबंधित तीन मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक अगस्त को सीबीआई से 14 दिन के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया था। इस मामले में आज सुनवाई होगी। उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित के रायबरेली में सड़क हादसे की जांच के लिए सीबीआई ने 20 सदस्यीय विशेष टीम गठित की थी। टीम में एसपी, एएसपी, सीओ, इंस्पेक्टर व उपनिरीक्षक शामिल हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी बीजेपी निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर हैं।
उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित 28 जुलाई को रायबरेली में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इसके बाद उसको लखनऊ में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। पीड़ित 28 जुलाई को रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मुलाकात कर अपनी चाची, मौसी और अपने वकील के साथ कार से लौट रही थी। उसी दौरान एक तेज रफ्तार ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। इस हादसे में पीड़ित की चाची और मौसी की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि वह खुद और उसके वकील महेंद्र सिंह चौहान गंभीर रूप से घायल हैं। चाची उसके साथ दुष्कर्म के मामले में सीबीआइ की गवाह थी।
इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद उन्नाव दुष्कर्म केस से जुड़े सभी मामले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर हो गए हैं। जहां उनकी सुनवाई धर्मेश शर्मा की कोर्ट में नियमित रूप से चल रही है। पीड़ित और उसके वकील को भी लखनऊ के ट्रामा सेंटर से एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए एम्स शिफ्ट किया गया है। जहां पर दोनों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।