अपनी राशि के मुताबिक जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण का करें साजो-श्रृंगार
जन्माष्टमी के मौके पर देशभर में लोग खुशियां मनाते हैं। इस खास मौके पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन पूरे देश में मनाया जाता है। इस दिन लोग श्रीकृष्ण को नए कपड़े पहनाकर उनका श्रृंगार करते हैं ताकि उनकी मनचाही मुराद पूरी हो सके। लेकिन अगर भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार राशि के मुताबिक किया जाए तो और अधिक फलदायी होगा। तो आइए जानते हैं कौन सी राशि के लोग, कैसे उनका श्रृंगार करें।
मेष राशि के लोगों को कान्हा का श्रृंगार लाल रंग के कपड़े से करना चाहिए। इसके बाद मिश्री का भोग लगाएं और अपनी मुराद मांगें। इसके अलावा वृषभ राशि के लोगों को चांदी के वर्क से श्रृंगार करना चाहिए। और भगवान श्रीकृष्ण को सफेद चंदन का टीका लगाना चाहिए। और मक्खन का भोग लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ये सब करने से भगवान उनकी सारी परेशानियों को दूर कर देंगे।
मिथुन राशि के लोगों को नंदलाला का श्रृंगार लहरिया प्रिंट वाले कपड़ों से करना चाहिए। साथ ही चंदन का तिलक करना चाहिए। भोग में भगवान श्रीकृष्ण को दही अर्पण करें। फिर भगवान के सामने हाथ जोड़कर अपनी अर्जी लगाएं। कर्क राशि के जातकों को कृष्ण का सफेद वस्त्र से श्रृंगार करना चाहिए। इसके बाद प्रसाद में दूध और केसर का भोग लगाना चाहिए।
सिंह राशि के लोगों को कन्हैया का श्रृंगार गुलाबी रंग के कपड़ों से करना चाहिए। इसके बाद अष्टगंध का तिलक लगाना चाहिए। प्रसाद में मक्खन-मिश्री चढ़ाएं। कन्या राशि के लोग भगवान श्रीकृष्ण को हरे रंग के वस्त्रों से सजाएं। इसके बाद मावे का भोग जरूर लगाएं।
तुला राशि के लोग कन्हैया को केसरिया रंग के कपड़े से सजाएं। इसके बाद घी का भोग लगाएं। वहीं वृश्चिक राशि के लोग श्रीकृष्ण को लाल वस्त्र पहनाएं। साथ ही मिल्क केक जरूर भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाएं।
धनु राशि के लोग भगवान श्रीकृष्ण को पीला वस्त्र पहनाएं। इसके बाद भगवान को प्रसाद भी पीले रंग से बनी मिठाई जरूर चढ़ाएं। मकर राशि के जातकों को पीले और लाल के मिक्स कलर से तैयार वस्त्रों से श्रृंगार करना चाहिए। साथ ही उनको पहनाए जाने वाले कुंडलों और तिलक में भी इन्हीं रंगों का प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके बाद मिश्री का भोग लगाएं।
कुंभ राशि के लोग भगवान श्रीकृष्ण को नीले रंग का वस्त्र पहनाएं। फिर कान्हा को बालूशाही का भोग लगाएं। वहीं मीन राशि के लोग श्रीकृष्ण को पीतांबरी वस्त्रों और पीले ही रंग के कुंडल पहनाएं। फिर भोग में केसर और बर्फी चढ़ाएं।