अद्धयात्म

मंगलवार को इस मुहूर्त में करें शुभ काम, बजरंगबली करेंगे बेड़ा पार

salasar-balaji-55a78b83ee85c_l6 अक्टूबर 2015 को मंगलवार है। इस दिन शुभ वि.सं.- 2072, संवत्सर नाम- कीलक, अयन- दक्षिण, शाके- 1937, हिजरी- 1436, मु. मास- जिलहिज-21, ऋतु- शरद्, मास- आश्विन, पक्ष- कृष्ण है।

शुभ तिथि

नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि अपराह्न 3.38 तक, तदुपरान्त दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि रहेगी। नवमी तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। यदि समयादि शुद्ध हो तो दशमी तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य पौष्टिक, प्रतिष्ठा, वास्तु-गृहारम्भ, प्रवेश, यात्रा, सवारी व अलंकारादिक कार्य शुभ कहे गए हैं। पर अभी श्राद्धपक्ष दोष के कारण समय शुद्ध नहीं है।

वैसे नवमी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: धनवान, कीर्तिवान, दानी, विद्यावान, कला-निपुण, शस्त्रविद्या का जानने वाला व देवी-देवताओं की पूजा में विश्वास रखने वाला होता है।

नक्षत्र

पुनर्वसु नक्षत्र प्रात: 8.01 तक, तदन्तर पुष्य नक्षत्र रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र में शान्ति, पुष्टता, यात्रा, अलंकार, घर, विद्या, कृषि और व्रतादि रखना शुभ माना गया है। इसी प्रकार पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर सभी चर-स्थिर कार्य, शान्ति-पुष्टता तथा अन्य उत्सव सम्बंधी कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।

पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मा जातक सामान्यत: बुद्धिश्रेष्ठ, विद्वान, शीतल स्वभाव, बहुमित्रों वाला, काव्यप्रेमी, मातृ-पितृ भक्त व आनन्दमय जीवन जीने वाला होता है। इनका भाग्योदय लगभग 24 वर्ष की आयु के बाद होता है।

योग

शिव नामक योग सायं 5.41 तक, इसके बाद सिद्ध नामक शुभ योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं।

करण

गर नाम करण अपराह्न 3.38 तक, इसके बाद अन्तरात्रि 4.20 तक वणिज नामकरण, तदुपरान्त भद्रा प्रारम्भ हो जाएगी।

चंद्रमा

सम्पूर्ण दिवारात्रि कर्क राशि में रहेगा।

परिवर्तन

अन्तरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.02 पर मंगल पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेगा।

व्रतोत्सव

मंगलवार को मातृ नवमी, नवमी का श्राद्ध है।

शुभ मुहूर्त

उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार मंगलवार को किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं हैं।

 

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