अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण चीन सागर संबंधी तनाव पर ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने चिंता जताई

लंदन : ब्रिटेन सरकार ने एकजुटता दिखाने के असाधारण प्रयास के तहत अपने यूरोपीय पड़ोसियों, फ्रांस और जर्मनी के साथ मिल कर दक्षिण चीन सागर पर मंडराती तनावपूर्ण स्थिति पर चिंता जाहिर करने के लिए एक संयुक्त बयान जारी किया है। इसमें आगाह किया गया कि यह तनाव क्षेत्र में असुरक्षा एवं अस्थिरता उत्पन्न कर सकता है।

बयान में दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के सदस्य देशों के चीन के साथ बातचीत कर नियम आधारित आचार संहिता जो, समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते पर आधारित हो (यूएनसीएलओएस), उसे हासिल करने के प्रयासों का स्वागत किया गया। इस संगठन में भारत अग्रिम संवाद साझेदार है। संसाधन युक्त दक्षिण चीन सागर में चीन का अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाना क्षेत्र के कई राष्ट्रों को परेशान कर रहा है। बीजिंग इस विवादित समुद्र क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों पर अपना दावा करता है और संयुक्त राष्ट्र समर्थित अंतरराष्ट्रीय अधिकरण के फैसले से उसने इनकार किया है जिसने कहा कि दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों का कोई वैध आधार नहीं है। बयान में कहा गया, हम दक्षिण चीन सागर में स्थिति को लेकर चिंतित हैं जो क्षेत्र में असुरक्षा एवं अस्थिरता उत्पन्न कर सकता है।

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