लखनऊ : “फिट इण्डिया मूवमेंट” के तहत भारतीय खेलप्राधिकरण के क्षेत्रीय केन्द्र (सरोजनीनगर, लखनऊ) में सोमवार को आयोजित कार्यशाला में दाॅतों की सुरक्षा, रोगों से उनकी देखभाल व साफ-सफाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी. कार्यशाला में डा.अभिषेक सिन्हा (विभागाध्यक्ष, दंतसंकाय) एवं डा.प्रार्थना गोविल (एमडी, सरदार पटेल पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट ऑफ़ डेंटल एवंमेडिकल साईन्स, लखनऊ) व उनकी टीम ने एथलेटिक के नेशनलकैंपर्स, एसटीसी व खेलो इण्डिया के तहत भर्ती प्रशिक्षुओ सहित साई के खिलाड़ियों को टिप्स दिए. कार्यशाला में बताया गया कि विशेषकर एक खिलाड़ी के जीवन में एक दंतचिकित्सक की भागीदारी दाॅतों की सुरक्षा, रोगों से उनकी देखभाल व साफ-सफाई के तहत होती है.
उन्होंने यह भीजानकारी दी कि खिलाड़ियों को आम लोगों से ज्यादा दाॅत खराब होने की संभावना होती है क्योंकि उनके खान-पान में प्रोटीन का अधिक सेवन कर ते है जो दाॅतों की परत में चिपक कर नुकसान करता है और कैवेटी होने का कारण होता है. प्रतिरोधक खेलों में जैसे बाॅक्सिंग, ताईक्वाण्डो, वुशु आदि खेलों में प्रयोग होने वाले ’माउथगार्ड’ को आवश्यक रूप से प्रयोग व उसकी साफ-सफाई, गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी दी जिसे दाॅतों को नुकसान होने से बचाया जा सके. भारतीय खेल प्राधिकरण की कार्यकारी निदेशक सुश्री रचना गोविल ने बताया कि खिलाड़ियों में अक्सर देखा गया है कि उच्चतनाव एवं चिंता के कारण उनके मसूड़ों आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिसके कारण दांतों में कीड़ा लगने की संभावना बढ़ जाती है. इस तरह दांतों की बीमारी के कारण वे न ठीक प्रकार से खाना खपाते हैं और न ठीक से सो पाते हैं जिससे उनके खेल प्रदर्शन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.