स्वास्थ्य
यंगस्टर्स में स्लीप डिसऑर्डर से ढाई गुना तक बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा
अक्सर लोगों को ऐसा कहते सुना जाता कि बिना किसी पास्ट हिस्ट्री के हार्ट अटैक आ गया। ऐसे केसेज अधिकांश यंग एडल्ट के बीच (30-45) सुनने को मिलते हैं। एक हार्ट हॉस्पिटल की रिसर्च के मुताबिक जिन यंग एडल्ट में स्लीप डिसऑर्डर की शिकायत थी, उनमें हार्ट अटैक या हाइपरटेंशन की संभावना 2 से 2.5 गुना तक बढ़ जाती है। यंग एडल्ट स्लीप डिसऑर्डर को नजरअंदाज करते हैं। वे जानने की कोशिश नहीं करते कि उन्हें नींद क्यों नहीं आ रही। जबकि नींद न आना हाइपरटेंशन और डायबिटीज सहित अन्य बीमारियों को बुलावा देता है। दरअसल, नींद में कमी लिप्टिन और ग्रेलिन नाम के दो हार्मोंन्स को डिस्टर्ब करती है, जिसकी वजह से मेटाबॉलिज्म गड़बड़ाने लगता है। 10 में से 3 यंग प्रोफेशनल्स को स्लीप डिसऑर्डर से हार्ट अटैक आते हैं।
लिवर मेटाबॉलिज्म से संबंध
डॉक्टर्स का कहना है कि जो लोग भरपूर नींद नहीं लेते, उनका लिवर मेटाबोलिज्म सिस्टम बिगड़ता है। दरअसल, नींद लेने का समय रात को 11 से सुबह 3 बजे तक सबसे उपयुक्त होता है। ऐसे में नींद न लेने पर लिवर मेटाबॉलिज्म सप्रेस हो जाता है, क्योंकि इस दौरान खाना पचाने का काम सही तरीके से नहीं हो पाता। ऐसी स्टडी सामने आई है, जो यह बताती हैं, कि हार्ट डिसीज के खतरे को रात की सही नींद लेकर काफी हद तक रोका जा सकता है।