शक्ति संचार और व्यायाम कि 38 एक्सरसाइज शरीर में करती है अत्याधिक स्फूर्ति का संचार
लखनऊ : योगदा सत्संग ध्यान में चल रहे तीन दिवसीय साधना संगम के प्रथम दिवस का स्वामी कृष्णानन्दा गिरी जी द्वारा किया गया उद्घाटन उत्तर भारत से आये विभिन्न भक्तों द्वारा आनंद पूर्वक देखा गया। पूर्व और पश्चिम के संत के रूप में प्रसिद्द “योगी कथामृत” के लेखक तथा योगदा सत्संग / सेल्फ रिअलाइज़ेशन के प्रणेता परमहँस योगानन्द जी के बारे में बताते हुए उनके शिष्य स्वामी कृष्णानन्दा जी ने अपने सत्संग में क्रिया योग साधना में निरंतर प्रयास तथा परिश्रम के लाभ बताये।
वैज्ञानिक प्रविधियों के बारे में अपने अनुभवों को बताते हुए स्वामीजी ने उन प्रेरक प्रसंगों का भी जिक्र किया जब वह मुंबई आई आई टी से इंजीनियरिंग कर अमेरिका गए थे।
एकाग्रता प्राविधि की कक्षा लेते हुए स्वामी हितेशानंदा जी ने सफलता के हर आयाम में एकाग्रता के महत्व के बारे में बताया और हंसः प्राविधि की क्रिया योग के पथ में इसके इस्तेमाल और लाभ के बारे में बताया। शक्ति संचार व्यायाम की 38 एक्सरसाइजेज के बारे में बताते हुए ब्रह्मचारी धैर्यानन्दा जी ने बताया कि यह एक्सरसाइजेज हमारे शरीर में अद्भुत रूप से ऑक्सीजन की कमी को पूरा कर हमारे शरीर को शक्ति और स्फूर्ति प्रदान करती हैं। योगानन्दा जी इन व्यायामों को इतना महत्व देते थे कि उन्होंने 1916 में इन व्यायामों के नियमों को खोजने के बाद रोज़ दिन में दो बार करने का नियम बनाया और स्वयं इस नियम का जीवन पर्यन्त पालन किया।
प्रविधियों के अलावा परमहँस योगानन्द जी के जीवन से प्रेरित वीडियो शोज भी दिखाए गए।