टीम इंडिया में फील्डिंग को नया आयाम दिया था इस बेहतरीन ऑलराउंडर रॉबिन सिंह ने
एक जमाना था जब क्रिकेट में केवल बल्लेबाज की अहमियत थी, धीरे-धीरे गेंदबाजों की भी अहमियत बढ़ी, लेकिन फील्डिंग की अहमियत को नया आयाम 1990 के दशक में आया जब दक्षिण अफ्रीका के जोंटी रोड्स ने अपनी फिल्डिंग को कला का दर्जा दे दिया. टीम इंडिया में फिल्डींग का स्तर वैसे मोहम्मद अजहरूद्दीन, अजय जडेजा जैसे खिलाड़ी कई बार उठाते दिखे, लेकिन अगर कोई खिलाड़ी केवल फील्डिंग के नाम से भारत में पहचान हासिल कर सका वह कोई और नहीं रॉबिन सिंह थे. शनिवार 14 सितंबर को टीम इंडिया के बेहतरीन ऑलराउंडर रहे रॉबिन सिंह 56 साल के हो रहे हैं.
वेस्टइंडीज से टीम इंडिया तक
रॉबिन सिंह का मूल नाम रवीन्द्र रामनारायण सिंह है. वे 14 सितंबर 1963 को वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद में पैदा हुए थे. रॉबिन सिंह की टीम इंडिया में आने की कहानी दिलचस्प है. भारतीय मूल के होते हुए उनके पुरखे पिछले 150 साल से वेस्ट इंडीज़ में रह रहे थे. रॉबिन 19 साल की उम्र में, 1982 में वे मद्रास आए थे. मद्रास में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ मद्रास में इकोनॉमिक्स की डिग्री ली. यह पढ़ाई करते करते ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया उन्हें भारत की नागरिकता ही काफी देर से मिली. 1989 में जब उन्हें भारत की नागिरकता मिली, तब उनका वेस्ट इंडीज टूर के लिए टीम इंडिया में सिलेक्शन हो पाया.
टीम इंडिया में आने और बने रहने का संघर्ष
रॉबिन को टीम इंडिया में शामिल होने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. इतना ही नहीं एक बार तो वापसी में उनको सात साल तक लग गए थे. रॉबिन सिंह ने 11 मार्च 1989 को इंडिया के लिए पहला मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेला था, लेकिन उस सीरीज में उन्हें सिर्फ दो मैचों में ही मौका मिला था. इसके सात साल बाद उन्हें 33 साल की उम्र में 1996 में टाइटन कप में मौका मिला और फिर अगले पांच साल, 2001 तक वे लगातार टीम का हिस्सा रहे. टीम इंडिया के लिए उन्होंने 136 वनडे खेले और 2336 रन बनाए और 69 विकेट लिए. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 137 करीब 6997 रन बनाए और 172 विकेट लिए.
कोचिंग में कमाया नाम
रॉबिन एक बेहतरीन ऑलराउंडर के तौर पर भारत में जाने जाते हैं, लेकिन रॉबिन उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें उनकी फील्डिंगस्किल्स के लिए भी जाना जाता है. आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम के कोच रहे रॉबिन सिंह ने 1981-82 सीजन में तमिलनाडु के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया. 2004 में रिटायर होने के बाद रॉबिन ने कोचिंग को अपना करियर बनाया. वे भारत की जूनियर और इंडिया ए टीम के और बाद में टीम इंडिया के भी कोच रहे. रॉबिन सिंह ने हाल ही में टीम इंडिया के हेड कोच के पद के लिए आवेदन किया था. लेकिन इस पद पर तत्कालीन कोच रवि शास्त्री को दोबारा चुन लिया गया.