इमरान ने कहा- भारत कर रहा पाक को ब्लैकलिस्ट करवाने की कोशिश
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत से बातचीत शुरू करने के लिए कई कोशिशें की थीं। उन्होंने कहा, एक सभ्य पड़ोसी के नाते हमें कश्मीर पर मतभेद का हल निकालना चाहिए। उन्होंने कहा, शांति कायम करने के बजाय भारत पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में ब्लैकलिस्ट कराना चाहता है। भारत हमें दिवालिया घोषित करवाना चाहता है। वहीं पाकिस्तान की राजनीतिक और धार्मिक पार्टियों का प्रस्तावित एलओसी की ओर मार्च टल गया है। इसे 27 सितंबर को इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में होने वाले भाषण तक टाल दिया है। यह फैसला पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की पार्टियों के प्रमुखों से बनी एक समिति ने लिया है। शुक्रवार को एक रैली में इमरान ने पीओके के लोगों को एलओसी की ओर मार्च करने की अपील की थी।
भारतीय और अफगानी राजनयिकों को समन
वहीं पाक ने दो अलग-अलग सीमाओं पर गोलीबारी की घटनाओं को लेकर भारत और अफगानिस्तान के राजनयिकों को समन जारी किया है। इन घटनाओं में चार पाकिस्तानी सैनिक और एक महिला की मौत हो गई थी। यह समन उस वक्त जारी हुआ है, जब कश्मीर मसले को लेकर भारत-पाक में तनाव है और उधर अमेरिका और अफगानी तालिबान के बीच शांति वार्ता टूट चुकी है। पाक विदेश मंत्रालय ने भारत के राजनयिक को शनिवार को समन भेजा था। उसका कथित तौर पर आरोप है कि नियंत्रण रेखा पर बालाकोट में भारत की तरफ से हुई गोलीबारी में एक 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई। वहीं, अफगान सीमा पर हुई झड़पों में चार पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
नौ माह में 2050 बार संघर्षविराम का उल्लंघन, 21 भारतीयों की मौत
जम्मू-कश्मीर में सीमा पर पाकिस्तान लगातार गोलीबारी कर रहा है और भारतीय नागरिकों को निशाना बना रहा है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया, पाकिस्तान ने इस साल 2050 से भी ज्यादा बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है जिसमें 21 भारतीयों की जान चली गई। भारत ने भी पाकिस्तान की गोलीबारी के मुंहतोड़ जवाब दिए हैं। विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में रविवार को कहा कि इस संबंध में पाकिस्तान से कहा जा चुका है कि वह अपने सुरक्षाबलों से 2003 के संघर्षविराम का पालन करने को कहे। पाक को नियंत्रण रेखा (एलओसी )और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाए रखना चाहिए।
इसके साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहली बार माना है कि अगर भारत से पारंपरिक जंग हुई तो पाकिस्तान हार जाएगा। इमरान ने कहा, मेरा साफ तौर पर मानना है कि जब भी दो परमाणु हथियार संपन्न देश पारंपरिक जंग लड़ते हैं तो इसके परमाणु युद्ध में तब्दील होने की आशंका रहती है। खुदा न करे, अगर पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध हारने लगे तो फिर हमारे सामने दो विकल्प होंगे कि हम समर्पण कर दें या अपनी आजादी के लिए आखिरी सांस तक लडे़ं। उन्होंने कश्मीर पर फिर राग अलापते हुए कहा, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) इस मामले में दखल दे वर्ना बड़ी तबाही मच सकती है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से भारत को अक्सर जंग की धमकी देने वाले पाक पीएम ने कहा, पाकिस्तान अपनी आजादी के लिए आखिरी दम तक लड़ेगा और जब भी कोई परमाणु शक्ति संपन्न देश आखिरी वक्त तक लड़ता है तो इसके गंभीर नतीजे देखने को मिलते हैं। अल जजीरा न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में इमरान ने कश्मीर को लेकर भारत से जंग छिड़ने की आशंका जताते हुए चेतावनी भी दे डाली।
उन्होंने कहा, जब दो परमाणु शक्ति संपन्न देश टकराएंगे तो इसके नतीजे की कल्पना नहीं कर सकते। इसीलिए हमने संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया। हम दुनिया के तमाम अहम मंचों पर इस मुद्दे को उठा रहे हैं। हम इसका राजनीतिक समाधान चाहते हैं। अगर युद्ध होगा तो यह भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं रहेगा। यह इससे आगे जाएगा और पूरी दुनिया प्रभावित होगी। उल्लेखनीय है कि भारत कहता रहा है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और इसमें वह किसी बाहरी देश का दखल स्वीकार नहीं करेगा।
पाक पहले नहीं करेगा परमाणु युद्ध की शुरुआत
पाक पीएम ने क्षेत्र में परमाणु खतरे के सवाल पर कहा, इसमें कोई भ्रम नहीं है। पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा। मैं एक शांतिवादी व्यक्ति हूं और जंग के खिलाफ हूं। मेरा मानना है कि लड़ाइयों से समस्याएं नहीं सुलझती हैं। युद्ध के अनचाहे नतीजे देखने को मिलते हैं। आप वियतनाम, इराक की जंग देखिए इससे दूसरी कई समस्याएं पैदा हो गईं और वह भी जिसके लिए लड़ाई लड़ी गई उससे ज्यादा गंभीर थीं।