विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों ने देश में सैलानियों को आकर्षित करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा से राहत के लिये पर्यटन और यात्रा उद्योग पर लगने वाले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) समेत दूसरे करों और शुल्कों में कटौती की मांग की है। उन्होंने करों को सरल और युक्तिसंगत बनाने की वकालत की।
जीएसटी पर जताई चिंता
पर्यटन मंत्रियों के सम्मेलन में आम सहमति से पारित प्रस्ताव में 7,500 रुपये से अधिक के होटल कमरों पर 28 फीसदी और 2,500 रुपये से 7,500 रुपये के किराये वाले कमरों पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने पर चिंता जताई गई। प्रस्ताव में कहा गया है कि अन्य देशों की तुलना में कर की दर ऊंची है। इसलिए सरकार विदेशी और घरेलू पर्यटकों को बड़ी राहत देते हुए होटलों पर टैक्स घटा सकती है। माना जा रहा है कि बैठक में होटल कमरों पर लगने वाले 28 फीसदी जीएसटी को घटाकर 18 फीसदी किया जा सकता है और 18 फीसदी दर को पांच फीसदी किया जा सकता है।
गोवा में होगी बैठक
गोवा में होने वाली इस बैठक में मंदी से गिर रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए भी कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। फिलहाल गाड़ियों पर एक से लेकर के 22 फीसदी तक सेस लगता है। इस बार अगस्त में गाड़ियों की बिक्री 23.55 फीसदी तक गिर गई है। वहीं बिस्किट के छोटे पांच रुपये वाले पैकेट भी नहीं बिक रहे हैं।
अगस्त में गिरा जीएसटी संग्रह
देश का सकल माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह अगस्त में एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से नीचे 98,202 करोड़ रुपये रहा। सकल जीएसटी संग्रह जुलाई में 1.02 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि पिछले साल अगस्त के 93,960 करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह के मुकाबले यह 4.5 फीसदी अधिक है।