अल्पसंख्यक ग्रेजुएट लड़कियों को शादी के लिए 50 हजार देगी सरकार
नई दिल्ली : केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अल्पसंख्यक लड़कियों को शिक्षित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। पढ़ाई करने के लिए उन्हें तरह-तरह से मदद कर रही है, इतना ही नहीं इन बालिकाओं को शादी के लिए 50 हजार रुपये की मदद भी इस शर्त पर दी जा रही है कि पहले आपको ग्रेजुएट होना पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने इसी तरह की एक योजना अल्पसंख्यक मंत्रालय के जरिए बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति के नाम से चलाई है। इस योजना के तहत कक्षा 9 से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है। योजना में आवेदन की आखिरी तारीख 30 सितंबर है. इसका संचालन मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन कर रहा है। बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति योजना के तहत मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय की छात्राओं को पढ़ाई के लिए मदद दी जा रही है। योजना के तहत कक्षा 9 से 10 के तहत पांच हजार और कक्षा 11 से 12वीं तक के लिए छह हजार रुपये की मदद मिलेगी। छात्रवृत्ति की रकम सीधे लाभार्थी छात्रा के बैंक खाते में पहुंचेगी। अल्पसंख्यक मंत्रालय का विभाग मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन यह स्कीम चला रहा है।
मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के उपाध्यक्ष अशफाक सैफी ने बताया कि योजना का मकसद पूरी तरह से छात्राओं को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए यह जरूरी है कि छात्रा ने अपनी पिछली कक्षा में 50 प्रतिशत या उससे अधिक नंबर हासिल किए हों. साथ ही उसके माता-पिता की सालाना आय 2 लाख रुपये से अधिक न हो। वहीं कक्षा 9 से 12वीं तक में पढऩे वालीं छात्रओं को बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिया जाता है। आवेदक द्वारा स्व-घोषित अल्पसंख्यक समुदाय का प्रमाण पत्र होना जरूरी है। छात्राओं को 50 प्रतिशत नम्बरों के साथ पिछले वर्ष की मार्कशीट देनी होगी। माता-पिता की अधिकतम 2 लाख सालाना इनकम का सर्टिफिकेट देना होगा। आवेदक छात्रा को आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक की जानकारी देनी होगी। स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा सत्यापित एक सत्यापन प्रपत्र भी अपलोड करना होगा। आवेदन मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन की बेवसाइट पर दिए गए लिंक पर ऑनलाइन भरना होगा।