नई दिल्ली : टीबी के मरीजों के आँकड़े आधार से लिंक करने की योजना सरकार ने बनाई है, जिससे टीबी को वर्ष 2025 तक पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके और मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद में लीकेज की संभावना न रहे। टीबी कार्यक्रम से जुड़े स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में टीबी के 21.5 लाख मरीजों की पहचान की जा चुकी है जबकि अनुमान है कि 5.5 लाख और मरीज हैं जिनकी पहचान अभी नहीं हो सकी है। जिन मरीजों की पहचान हो चुकी है उन्हें टीबी की दवा की नियमित खुराक मिल रही है। देश को वर्ष 20़25 तक पूरी तरह टीबी मुक्त करने के लिए जरूरी है कि जिन मरीजों की पहचान नहीं हो पायी है उनकी पहचान कर दवा देनी शुरू की जाये। अधिकारी ने बताया कि सरकार टीबी के सभी मरीजों के आँकड़े आधार से लिंक करने की योजना बना रही है।
इससे मरीजों की पहचान आसान होगी। इसके अलावा सरकार ने एक और बदलाव यह किया है कि अब एक बैंक खाते में सिर्फ एक ही मरीज को वित्तीय मदद स्थानांतरित की जा सकेगी। निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज की पूरी अवधि के दौरान मरीज को 500 रुपये प्रति माह की आर्थिक मदद दी जाती है। पहले एक से अधिक मरीज भी यह राशि मँगावाने के लिए एक ही बैंक खाते का इस्तेमाल कर सकते थे। अब एक बैंक खाते में एक ही मरीज को वित्तीय मदद मिल सकेगी। अधिकारी ने बताया कि आधार से मरीजों के आँकड़े जुड़ जाने से यह पता चल सकेगा कि उस आधार नंबर से कोई बैंक खाता जुड़ा है या नहीं। यदि किसी मरीज के पास बैंक खाता नहीं है तो उसका खाता खुलवाने के लिए डाक विभाग के साथ समझौता किया गया है। भारतीय डाक भुगतान बैंक में ऐसे मरीजों का खाता खोला जायेगा।