राज्य

यहां रोज बेटियों को होना पड़ता शर्मिन्दा…देखते सब तमाशा

no-toilet-muhami-girls-hand-collector-ask-55fcc85fb141d_lराज्य सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों में छात्राओं के लिए अलग से शौचालयों बनवाए जा रहे हैं लेकिन स्थिति यह है कि आज भी शहरी क्षेत्र की बेटियों के घरों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह सच्चाई संबलन कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रिश्चियनगंज के निरीक्षण के दौरान उजागर हुई।छात्राओं ने विद्यालय के शैक्षणिक स्तर का निरीक्षण करने आए जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) के समक्ष मुखर होकर कहा कि

उनके घर में शौचालय की सुविधा नहींहै। छात्राओं ने स्कूल प्रशासन के माध्यम से जिला प्रशासन से उनके घर में भी शौचालय बनाने के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध करवाए जाने की पहल करने की मांग उठाई।

विद्यालय की आठवीं कक्षा की करीब छह छात्राओं ने शौचालय के लिए सरकार से मदद मांगी तो अन्य कक्षाओं की कई छात्राओं ने भी घर में शौचालय की उपलब्धता से इन्कार किया। छात्राओं ने बताया कि खुद का मकान नहीं होने परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते उनके पिता शौचालय नहीं बनवा पाए। कुछ छात्राओं ने बताया कि उनके घर में मात्र एक कमरा बना है।

एसीईओ ने किया प्रेरित

विद्यालय के निरीक्षण के दौरान एसीईओ जगदीशचन्द्र हेड़ा ने छात्राओं को खुले में शौच नहीं करने की सलाह दी। हेड़ा ने छात्राओं को प्रेरित किया कि वे घर में शौचालय बनाने के लिए माता-पिता को कहें। उन्हें बताएं कि सरकार की योजना भी है जिसमें शौचालय के लिए सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि अगर कोई खुले में शौच करता पाया तो अब 50 रुपए की पैनल्टी लगाई जाएगी। कक्षा एक से 12 तक करीब 58 छात्राओं के घरों में शौचालय नहीं है।
कई छात्राओं के घरों में शौचालय नहीं है। प्रशासन की ओर से शौचालय बनाने के लिए आर्थिक सहायता दिलाने का प्रयास किया जाएगा। खुले में शौच करने पर 50 रुपए की पैनल्टी लगाई जाएगी।

जगदीश चन्द्र हेड़ा, एसीईओ जिला परिषद अजमेर

स्कूल की छात्राओं को घर में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया है। एसीईओ जगदीशचन्द्र हेड़ा को छात्राओं की सूची दी गई है।

 

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