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पेड़ों की कटाई पर कोर्ट ने कहा- सरकार अर्थव्यवस्था नहीं संभाल सकती तो पारिस्थितिकी कैसे संभालेगी

गोरेगांव में मेट्रो तृतीय परियोजना के तहत कार शेड का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बृहन्मुबई महानगरपालिका (बीएमसी) के वृक्ष प्राधिकरण ने मुम्बई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड को हरित क्षेत्र आरे कॉलोनी में 2646 पेड़ों को काटने के लिए मंजूरी दी है। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया है। पर्यावरण कार्यकर्ता जोरू बाथेना ने हरित क्षेत्र आरे कॉलोनी में 2646 पेड़ों की कटाई का विरोध करते हुए एक जनहित याचिका दायर कर दी। बाथेना की याचिका पर सुनवाई करते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि, जब सरकार उत्तम संसाधन उपलब्ध होने के बाद राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को नहीं संभाल सकती तब वह पारिस्थितिकी को कैसे संभाल पाएगी। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

बाथेना के वकील जनक द्वारकादास ने सोमवार को दलील दी कि वृक्ष प्राधिकरण ने निर्णय लेने में दिमाग नहीं लगाया और वृक्ष अधिनियम के प्रावधानों का पालन किये बगैर हड़बड़ी में यह निर्णय ले लिया गया। उन्होंने कहा कि मेट्रो परियोजना महत्वपूर्ण है, लेकिन जनहित में शहर की हरियाली भी महत्वपूर्ण है।

द्वारकादास की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि विकास बनाम पर्यावरण विवाद का विषय है और इससे याचिकाकर्ता के तर्कों में एक नया बिंदु जुड़ेगा। न्यायमूर्ति नंदराजोग ने कहा, सारे उत्तम संसाधन होने के भी यदि सरकार राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था नहीं संभाल सकती है तो वह पारिस्थितिकी को कैसे संभाल पाएगी। उन्होंने कहा, उसके पास सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्री हैं, लेकिन फिर भी कुछ कमी तो है। मामले की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।

बता दें कि, बृहन्मुबई महानगरपालिका (बीएमसी) के वृक्ष प्राधिकरण ने मुम्बई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड को आरे क्षेत्र में 2646 पेड़ों को काटने के लिए 29 अगस्त को मंजूरी दी थी।

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