हांगकांग का जिक्र कर इमरान ने फिर अलापा कश्मीर राग
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इस्लामाबाद । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग की मामल्लापुरम में मुलाकात से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज पर निराशा साधा। हांगकांग के विरोध प्रदर्शनों और कश्मीर बंद के बीच समानताएं आकर्षित करते हुए, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य हुआ है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया हांगकांग विरोध प्रदर्शनों को प्रमुखता से दिखा रहा है, लेकिन कश्मीर को नजरअंदाज कर रहा है।
इमरान खान ने शुक्रवार को यूएनएससी के प्रस्तावों का फिर से उल्लेख करते हुए कश्मीर पर गलत जानकारी देनी चाही। हालांकि, पहले भी भारत द्वारा कश्मीर के हालातों पर जवाब दे दिया गया है।…और बताया गया है कि कुछ लोगों को इस वजह से नजरबंद किया गया क्योंकि वे पाकिस्तान समर्थक घाटी को नुकसान पहुंचाना चाहते है। वहीं, अब हर कुछ दिनों में लोगों व नेताओं को छोड़ा जा रहा है और कश्मीर में हालात भी सामान्य हो रहे हैं। बात संचार को खत्म करने की है तो कश्मीर में सेना खुद लोगों को उनके परिवार से बात करवा रही है। किसी भी तरह से कोई अफवाह ना फैल सके, जिससे कोई तनाव पैदा हो इसलिए कुछ बैन कश्मीर में लगाए गए।
दुनिया के हर मंच पर भी कश्मीर का मुद्दा उठाने और मात खाने के बाद भी इस बार फिर इमरान खान ने कश्मीर को लेकर विदेशी मीडिया को निशाने पर लिया है। बता दें कि इसमें इमरान खान की चाल भी दिखती है और वह यह कि शुक्रवार को पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनफिंग की मुलाकात है। पाकिस्तान का सबसे बड़ा मददगार चीन ही है। इमरान खान ऐसा करके चीन के राष्ट्रपति तक यह संदेश भेजना चाह रहे है कि वह भारत से कश्मीर को लेकर बात करे।
राष्ट्रपति शी जिनफिंग आज से 2 दिन की भारत यात्रा पर हैं। वहीं, आपको बता दें कि उनके भारत आने से पहले वे इमरान खान से मिले थे, जो चीन के दौरे पर थे। हालांकि, चीन ने पहले तो यह कहा था कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान को आपस में ही बात करनी होगी, लेकिन इमरान से मुलाकात के बाद चीन का रुख बगावती हो गया था।
मुलाकात के बाद राष्ट्रपति शी जिनफिंग का बयान आया कि हम कश्मीर पर नजर बनाए हुए है और पाकिस्तान को उसके मूल हितों से जुड़े मुद्दों का समर्थन करेंगे। बता दें कि इकलौता चीन ही ऐसा देश है जिसने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था। भारत सरकार द्वारा 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से Article 370 को हटा दिया गया था। इससे राज्य का विशेष दर्जा खत्म हो गया। पाकिस्तान जो गलत मंसूबों को अंजाम देना चाह रहा था, उसे इस 370 के हटते ही झटका लगा। इस वजह से ही वह बौखलाया हुआ है।
पाकिस्तान-चीन
पाकिस्तान के साथ हमेशा चीन खड़ा रहा और हांगकांग इस समय चीन से आजादी चाहता है। तो इमरान को यह बुरा लगा कि विदेशी मीडिया हांगकांग में हो रहे विरोध प्रदर्शन को दिखा रही है, लेकिन कश्मीर को नहीं दिखा रही है। चीन के लोकतंत्र से अलग चलना चाहता है हांगकांग। चीन से अलग रहना चाहता है हांगकांग। वहां आए दिन आजादी के नारे लगाए जाते है, जिसे चीनी पुलिस दबा रही है। वहीं, इस हालात से चीन को आर्थिक नुकसान हो रहा है और उसकी छवि भी बिगड़ रही है। महाशक्ति बनने को अग्रसर चीन को सूझ नहीं रहा कि वह हालात को काबू में लाने के लिए क्या करे।