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जापान: 60 साल का सबसे भयानक तूफान का कहर, भूकंप से हिली धरती

जापान में शक्तिशाली तूफान हेगिबिस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इसके चलते जापान की राजधानी टोक्यो के क्षेत्रों में सर्वोच्च स्तर की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बावजूद इस तूफान के कारण 10 लोगों की मौत हो गई है जबकि 100 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालात गंभीर है। यही नहीं लगभग 73 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भी ले जाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, अभी भी 16 लोग लापता बताए जाते हैं।

टोक्यो से टकराने से पहले आंधी और मूसलधार बारिश हुई। चिबा क्षेत्र में तेज हवाओं से गाड़ी पलट गई ज‍िससे एक व्यक्ति की मौत हो गई वहीं एक कार के बह जाने से एक अन्य की मौत हो गई। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक, तूफान के टकराने से ठीक पहले चिबा में 5.7 तीव्रता के भूकंप का झटका भी महसूस किया गया। चूंकि इसका केंद्र जमीन में काफी गहराई में था इसलिए कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। कई जगह भूस्खलन हुए हैं।

मौसम विशेषज्ञों ने इस तूफान को बीते छह दशकों का सबसे भीषण तूफान बताया है। इससे पहले साल 1958 में कानगवा तूफान आया था जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, तूफान के चलते प्रभावित क्षेत्रों में 225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। बीते 24 घंटे में कांगावा क्षेत्र में 27.6 इंच बारिश दर्ज की गई है। एक हजार से ज्यादा उड़ानों को रद किया जा चुका जबकि कई ट्रेनें रद कर दी गई हैं। तूफान के कारण 270,000 घरों में बिजली आपूर्ति ठप है।

टोक्यो, कानगवा व शिजुका में 30 से ज्यादा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिसके बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दुकानों और फैक्ट्रियां को बंद कर दिया गया है। तूफान के कारण शनिवार को होने वाले रग्बी विश्वकप के दो मैचों को रद कर दिया गया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए 17,000 पुलिसकर्मियों को किसी भी सूरत में तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि जापान तूफानों और भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील देश है। हर साल जापान में करीब 20 तूफान आते हैं।

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