अपराध

दुष्कर्म का शिकार हुई बच्ची का दर्द सुनने वाला कोई नहीं!

दस्तक टाइम्स/ एजेंसी
2015_10image_15_26_408370566girl1-llझुंझुनू: राजस्थान के सीकर में गत दिनों दुष्कर्म की शिकार हुई चार वर्षीय बालिका का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है तथा अभी तक उसके परिजनों को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। खाना बदोस परिवार की यह मासूम दर्द से करहा रही है और उसके पेट पर सूजन हैं तथा उसकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। उसके परिजन एक से दूसरे दफ्तर में रोज सहायता के लिए जाते हैं लेकिन निराशा के भाव लेकर वापस लौट आते हैं। सहायता की आस लिए मासूम की मां कभी पुलिस थाना तो कभी नगर पालिका और कभी तहसील एवं उपखंड अधिकारी के ऑफिस के चक्कर लगाकर वापस निराशा लेकर लौट आती है। जिले के उदयपुरवाटी कस्बे में मासूम की नानी सरकारी नुमाइंदों को कोसते हुए कहती है, बाबूजी देखो हमारे साथ कितना बूरा बर्ताव किया जा रहा है। जयपुर अस्पताल में जब हमारी बिटीया से मिलने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ आए थे, तो उन्होने कहा था कि आपको खाने की रहने की किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। बच्ची की सब जिम्मेदारी हमारी है।लेकिन जैसे ही वे उदयपुरवाटी आए उन्हें दो वक्त रोटी तो दूर पानी तक की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। सरकारी सहायता के बतोर पर ढाई लाख रुपए के नाम पर फूटी कोड़ी भी नहीं मिली। मासूम की मां ने बताया कि सुबह एक नर्स आती हैं जो मासूम के घावों पर पट्टी करके चली जाती है। चारों तरफ गंदगी हैं, जिससे मखियां भिनभिनाती है। बिजली जाने के बाद तो मासूम करहाने लग जाती है। चौबीसों घंटे मासूम के पास किसी न किसी का होना जरूरी है। यहां के थानेदार ने जरूर अपनी जेब से एक बार पांच सो और एक बार दो सौ रुपए दिए, लेकिन इससे खर्चा नहीं निकल रहा। बच्ची की हालात बिगड़ती जा रही है। 

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