सीडीआरआई में सेकेन्डरी मेटाबोलाइट्स के विश्लेषण के लिए दी गयी ट्रेनिंग
लखनऊ: सीएसआईआर के एकीकृत कौशल विकास कार्यक्रम के तहत सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ में “एलसी-एमएस, एमएस और एचआरएमएस द्वारा “सेकेन्डरी मेटाबोलाइट्स (द्वितीयक चयापचयों) का विश्लेषण” विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित हुई. कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करइस क्षेत्र में उनके कौशल का विकास करना था. सेकेन्डरी मेटाबोलाइट्स को औषधि अनुसंधान एवं विकास के लिए मुख्य कुंजी माना जाता है. एलसी-एमएस और एचआरएमएस उपकरणों का उपयोग करके इन सेकेन्डरी मेटाबोलाइट्सका विश्लेषणकुशलता पूर्वक किया जा सकता है.
इस कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार तकनीकों के प्रति उनकी समझ और अनुसंधान में उनके अनुप्रयोगों में सुधार करने में उपयोगकर्ताओं को मदद मिलेगी. उन्हें अपने यौगिकों को जानने,उनसे संबधित डेटा के सही प्रकार से विश्लेषण और व्यवस्थित व्याख्या के लिए अणुओं का आकलन करने में भी मदद मिलेगी. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 21 प्रतिभागी आए थे. कार्यशाला में लिक्विड क्रोमैटोग्राफी (एलसी) की मूलभूत बारीकियों को सिखाने के साथ हाई रिज़ॉल्यूशन मास स्पेक्ट्रोमेट्री (एचआरएमएस) के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया जो सेकेन्डरी मेटाबोलाइट्स का आणविक सूत्र (मोलिक्युलर फॉर्मूला) भी जाना जा सकता है.
एचआरएमएस और एलसी-एमएस, एमएस तकनीकों के संयोजन से अणुओं की पहचान, उनकी विशेषता और और उनकी मात्रा के निर्धारण को आसानी से समझा जा सकता है. इन्हीं कारणो से सेकेन्डरी मेटाबोलाइट्सके विश्लेषण के लिए ये सबसेअच्छे और उपयुक्त उपकरण हैं. कार्यक्रम के दौरान डॉ आर अचल, डॉ संजीव ओझा, डॉ बृजेश कुमार, डॉ संजीव कनौजिया, डॉ अजीत दातार और डॉ सौरभ नागपाल ने एचपीएलसी, यूपीएलसी-एचआरएमएस, एमएस, एमएसउपकरण द्वारा प्राप्तडेटा की व्याख्याएवं विश्लेषण संबंधी बारीकियों की जानकारी दी.