छठ पूजा में सूर्य उपासना और अर्घ्य देने के होते है बहुत लाभ, आप भी जानिए !
छठ पूजा में छठी मैया की आराधना के साथ सूर्य की उपासना महत्वपूर्ण होता है। चार दिन के इस व्रत पर्व में सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और अगले दिन सूर्योदय के समय भी सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। हालांकि आपने देखा होगा कि कुछ लोग प्रतिदिन सूर्योदय के समय अर्घ्य देते हैं तो कुछ रविवार के दिन। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देने से स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। वहीं कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से भौतिक सुख, समृद्धि और संपदा प्राप्त होता है।
छठ पूजा के अवसर पर आज हम आपको सूर्य को अर्घ्य देने के ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व के बारे में बता रहे हैं:
1. ज्योतिष के आधार पर मनुष्य की कुंडली में सूर्य प्रभावशाली ग्रह माना जाता है। वह विजय और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह है। आपको कोर्ट केस में जीत हासिल करनी है तो आपको सूर्य की पूजा करनी चाहिए।
2. ज्योतिषशास्त्र में सूर्य शासन सत्ता के ग्रह हैं। आप नौकरी करते हैं और आपको अपने काम में तरक्की नहीं मिल रही है तो कार्तिक मास में सूर्य की पूजा करें और जल का अर्घ्य दें। आपकी समस्याओं का अंत होगा और नौकरी में तरक्की मिलेगी।
3. सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं रहती है।
4. यदि आप कोई विशेष कार्य करना चाहते हैं और उसमें शतप्रतिशत सफलता प्राप्त करना है तो सूर्य की उपासना उत्तम रहती है। ऐसे लोगों को विधिपूर्वक छठ व्रत करना चाहिए।
5. व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य, ज्ञान और बुद्धि के लिए सूर्य की पूजा करनी चाहिए और उनको अर्घ्य देना चाहिए।
6. सूर्य को हमेशा तांबे के पात्र से ही जल का अर्घ्य देना चाहिए क्योंकि तांबे पर सूर्य देव का अधिपत्य होता है। उनको अर्घ्य देने से आंखें स्वस्थ्य रहती हैं।
7. यदि आपका आत्मविश्वास कमजोर है और आप आलसी हैं तो आपको सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देने से पिता के साथ रिश्ते भी मजबूत होते हैं।