शाह ने दिखाई रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी, 15000 से अधिक लोग दौड़े
नई दिल्ली । Run for Unity 2019 : लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के अवसर पर बृहस्पतिवार को इंडिया गेट पर रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया। इस दौड़ को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झंडी दिखाकर रवाना किया। दौड़ अमर ज्योति पर जाकर समाप्त हुई। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, खेल मंत्री किरण रिजिजू, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी व उपराज्यपाल अनिल बैजल समेत खेल जगत की कई हस्तियां मौजूद रहीं।
इस दौरान अमित शाह ने कहा कि देश के प्रथम गृहमंत्री के जन्मदिन को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। अखंड भारत का अस्तित्व व भारत को एक करने का काम करने वाले लौह पुरुष ही थे। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने जो भारत का मानचित्र दिखाई पड़ता है, जिसमें एक भारत की झलक दिखाई देती है, यह केवल सरदार पटेल के प्रयासों के कारण है। अंग्रेजों ने इस देश को 550 से अधिक रियासतों में बांटने का काम किया। पूरी दुनिया मानती थी कि भारत को आजादी तो मिलेगी, लेकिन भारत बिखर जाएगा। देश को अपनी गति प्राप्त करना मुश्किल था। उस समय यह बहुत बड़ी समस्या थी। महात्मा गांधी ने निर्णय कर पूरे भारत को एक संघ भारत बनाने का काम सरदार पटेल का सौंपा। पटेल ने पूरी दृढ़ता के साथ पूरे भारत को एक करने का काम किया। उस समय कई परेशानियां भी आई, लेकिन वह रुके नहीं। जब देश को एक करने का काम हुआ तो गांधी ने पटेल को पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की।
शाह ने कहा कि एकता दौड़ की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। पटेल ने आजादी के बाद देश को एक कर अखंड बनाया, लेकिन जम्मू कश्मीर को एक करने की कसक बाकी रह गई थी। उस समय इस राज्य का विलियकरण तो हुआ, लेकिन अनुच्छेद 370 व 35ए के कारण जम्मू कश्मीर हमारे लिए एक समस्या बनकर रह गया। पिछले 70 सालों में किसी सरकार ने इस मामले को छूना भी मुनासीब नहीं समझा। देश की जनता ने केंद्र में भाजपा सरकार को चुना और गत पांच अगस्त को देश की संसद में अनुच्छेद 370 व 35ए को हटाकर सरदार पटेल का अधूरा सपना पूरा करने का काम किया। ये दोनों ही अनुच्छेद देश के लिए आतंकवाद का प्रवेश द्वार बने हुए थे। इसे केंद्र सरकार ने रुक जाओ जैसे फाटक लगाकर रोका।
उन्होंने भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देनेे के बाद कहा कि सरदार पटेल को देश की आजादी के बाद उचित सम्मान नहीं मिला। चाहे वह भारत रत्न देने की बात हो या फिर उनकी याद में कोई बड़ा स्मारक बनवाने की बात हो, यहां तक की उन्हें भुलाने के भी प्रयास किए गए। वहीं, प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए देश के करोड़ों किसानों से उनके खेतों में इस्तेमाल किए गए औजारों व मिट्टी को इकट्ठा करने की शुरुआत की। आज गुजारत में 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बनवाकर दुनिया के सामने उनके काम को रखने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल को सरदार की उपाधि बारदोली में अंग्रेजों के खिलाफ किसानों कोे लिए सत्याग्रह किए जाने के दौरान मिली थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने संकल्प रखा है कि 2024 तक देश पांच बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की सबसे बड़े अर्थतंत्रों की सूची में शामिल होगा। उन्होंंने लोगों को देश की अखंडता की शपथ भी दिलाई।