प्रेग्नेंसी के दौरान पेट में एसिडिटी और सीने की जलन से बचाएंगे ये घरेलू नुस्खे
पेट में गैस यानी एसिटीडी की समस्या से अक्सर लोग परेशान रहते हैं। जंक फूड्स, पकौड़े, समोसा, मसालेदार चीजें खाई नहीं कि बदहजमी, अपज, खट्टी डकारें, गैस आदि की समस्या शुरू हो जाती है। पेट गैस होने पर अक्सर पेट भारी, फूला हुआ, भरा-भरा सा महसूस होता है। कुछ भी खाने की इच्छा नहीं रह जाती है। पेट में गैस या एसिटीडी की समस्या अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान भी कुछ महिलाओं को हो जाती है। हालांकि, प्रेग्नेंसी में एसिडिटी की समस्या (Acidity and pregnancy) होना काफी कॉमन माना जाता है। प्रेग्नेंसी में यदि आपका भी एसिडिटी और सीने में जलन के कारण जीना मुश्किल हो रहा है, तो कुछ ईजी टिप्स फॉलो करके देखें, प्रेग्नेंसी में गैस (एसिडिटी) और सीने में जलन की समस्या से राहत मिल जाएगी।
प्रेग्नेंसी में यूं दूर करें गैस और सीने में जलन की समस्या
यदि आप प्रेग्नेंट हैं और प्रेग्नेंसी में एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या काफी रहती है, तो डॉक्टर से इस परेशानी के बारे में जरूर बताएं। साथ ही कुछ आसान से टिप्स फॉलो करके भी आप गैस की समस्या को कम कर सकती हैं। प्रेगनेंट महिलाएं ऐसिडिटी की समस्या से खुद को बचाने के लिए नीचे बताए गए कुछ सरल उपाय ट्राई कर सकती हैं।
बेड रखें थोड़ा ऊंचा
जब आप रात में सोएं, तो अपने सिर को बहुत ज्यादा तकिये पर ऊंचा करके ना सोएं। ऊंचाई 6-7 इंच से अधिक ना हो। ऐसा नहीं करेंगी तो पेट में मौजूद गैस भोजन-नली में पहुंचकर सीने में जलन कर सकता है। रात में आप चैन से सो भी नहीं पाएंगी।
देर रात में ना खाएं
कुछ महिलाएं अक्सर प्रेग्नेंसी के दिनों में खाना खाने से बचती हैं। यदि आप भी ऐसा करती हैं, तो देर रात खाने से बचें। खाते ही बिस्तर पर सोने के लिए नहीं जाएं। खाना खाने और सोने के बीच कम से कम प्रेग्नेंसी के दिनों में दो घंटे का गैप हो।
अधिक चाय-कॉफी ना पिएं
चाय या कॉफी अधिक पीने से सीने में जलन की समस्या बढ़ जाती है। ये ऐसे ट्रिगर फूड्स हैं जो दिल की धड़कनों को तेज करते हैं। बेहतर होगा कि आप पूरे नौ महीने इनका सेवन कम ही करें।
खुद से ना लें एसिडिटी की कोई दवा
जब जलन या एसिडिटी हो, तो इनकी कोई भी दवा खुद से खाने से बचें। गैस होने पर बाउल फंक्शन भी गड़बड़ हो जाता है। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करें।
हेवी मील लेने से बचें
एक ही बार में बहुत ज्यादा खाने से भी बचना चाहिए। छोटे-छोटे मील लें। कम लेकिन जल्दी टाइम गैप में खाएं। प्रेग्नेंसी में छह से सात बार खाएं। उन फूड्स के सेवन से बचें, जो गैस और हार्ट बर्न को बढ़ाते हैं। लिक्विड पदार्थ भी खूब लें। इससे एसिडिटी की समस्या से बची रहेंगी।