आपकी दिमागी सेहत को पूरी तरह खराब कर सकती है सिगरेट पीने की लत, वैज्ञानिकों ने चेताया
अगर आपको सिगरेट पीने की लत है, तो वक्त रहते इसे छोड़ दें। सिगरेट पीने से सिर्फ कैंसर जैसी समस्या ही नहीं होती है, बल्कि ये लत आपको कई मानसिक बीमारियों का शिकार भी बना सकती है। हाल में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि तंबाकू उत्पादों जैसे- सिगरेट, बीड़ी, हुक्का आदि के प्रयोग से डिप्रेशन और सीजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
आमतौर पर ये बात तो सभी जानते हैं कि सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसके साथ ही सिगरेट मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, इस बारे में भी ज्यादातर लोगों को जानकारी है। मगर अभी तक हमें ये जानकारी नहीं थी कि सिगरेट की लत होने पर किस तरह की मानसिक बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो पहले से ही किसी मानसिक बीमारी का शिकार हैं।
कैसे की गई रिसर्च?
इस शोध के लिए यूके के 462,690 लोगों को चुना गया, जिनमें से 8% लोग शोध के दौरान सिगरेट पीने के आदी थे, जबकि 22% लोग ऐसे थे, जिन्होंने सिगरेट पीना छोड़ दिया था। इन लोगों की मानसिक स्थितियों की तुलना सीजोफ्रेनिया और अन्य मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हजारों लोगों से की गई। इसके बाद वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे की धूम्रपान आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
रिसर्च में छपी रिपोर्च के अनुसार, “लंबे समय तक सिगरेट पीने के बाद इसे छोड़ने से खतरे को कम किया जा सकता है। मगर जिन लोगों ने अभी तक सिगरेट पीना शुरू नहीं किया है, उनकी अपेक्षा सिगरेट छोड़ने वालों में खतरा बना रहता है।
उदाहरण से समझें रिसर्च की बात
मान लीजिए 3 कोई व्यक्ति है, जो लगातार 15 साल तक रोजाना 20 सिगरेट पीता है और पिछले 17 सालों से उसने सिगरेट पीना छोड़ दिया है। ऐसे व्यक्ति को डिप्रेशन और सीजोफ्रेनिया का खतरा बहुत ज्यादा होगा। जबकि उस व्यक्ति को बहुत कम खतरा होगा, जिसने कभी भी सिगरेट नहीं पी है। कुल मिलाकर ये वैज्ञानिक शोध इस बात पर जोर देता है कि अगर आपने सिगरेट पीना शुरू नहीं किया है, तो बेहतर होगा कि इसे कभी न पिएं और अगर आप पहले ही पीते हैं, तो अभी बंद कर दें।
क्या कहते हैं शोधकर्ता
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टोल के डॉ. रॉबिन वुटॉन, जिन्होंने इस रिसर्च पेपर को लिखा है, बताते हैं, “स्मोकिंग से जुड़े शारीरिक खतरों के बारे में हमें पहले से पता था। मगर अब हमें ये पता चला है कि स्मोकिंग कई मानसिक बीमारियों से भी जुड़ी हुई है। इसलिए ऐसे लोग जिन्हें पहले से ही कोई मानसिक बीमारी है, उन्हें रोककर उनकी मदद की जा सकती है।” ये रिसर्च ‘साइकोलॉजिकल मेडिकल’ नाम के जर्नल में छापी गई है।
दिमाग के लिए खतरनाक सिगरेट
यूके की नैशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार लोगों के लिए सिगरेट, बीड़ी या धूम्रपान की लत छोड़ना मुश्किल होता है। लोगों को ऐसा लगता है कि सिगरेट पीने से उन्हें तनाव और चिंता से राहत मिलती है। मगर सच्चाई ये है कि सिगरेट की ही लत उन्हें मानसिक बीमारियों का शिकार बनाती चली जाती है। सिगरेट पीने वाले लोगों में डिप्रेशन की समस्या बहुत अधिक पाई जाती है। दरअसल सिगरेट पीने से मस्तिष्क में कुछ खास केमिकल्स प्रभावित होते हैं, जिसके कारण इसे न पीने पर इसकी तलब जगती है और व्यक्ति को बेचैनी होती है। लेकिन अपने मनोबल को थोड़ा मजबूत करके आप धीरे-धीरे इस लत को छोड़ सकते हैं।