घर के मंदिर में पूजा करते समय जरूर रखें इन बातों का विशेष ध्यान
हर घर में पूजा घर जरूर होता है और उसमें हम नियमित तौर पर पूजा करते हैं. पूजा करते वक्त अलग-अलग पूजन सामग्री का क्या महत्व है और उसके प्रयोग में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आज हम आपको बताने वाले हैं…
पूजा के स्थान पर बहुत बड़ी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए. ज्यादा से ज्यादा छह इंच की मूर्ति रख सकते हैं. चित्र कितना भी बड़ा लगाया जा सकता है
पूजा में धूप या अगरबत्ती क्यों जलाते हैं? इसका विशेष प्रयोग कैसे करें?
-व्यक्ति के मन को एकाग्र करने और तनाव घटाने के लिए सुगंध का प्रयोग किया जाता है
– सुगंध से व्यक्ति अपनी मन की अलग अलग चिंताओं को तुरंत दूर कर सकता है
– इसीलिए पूजा के दौरान अगरबत्ती या धूपबत्ती का प्रयोग किया जाता है
– अगरबत्ती की तुलना में धूपबत्ती का प्रयोग ज्यादा अच्छा माना जाता है
– धूप बत्ती या तो पूजाके पूर्व जलाएं या पूजा के उपरान्त
– मानसिक एकाग्रता के लिए चन्दन की धूपबत्ती का प्रयोग करें
– आर्थिक लाभ के लिए और मान सम्मान के लिए गुलाब की धूपबत्ती का प्रयोग करें
– तनाव कम करने के लिए गुग्गल की धूप का प्रयोग करें
– ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए लोबान की धूपबत्ती जलाएं
पूजा में दीपक के प्रयोग का महत्व और लाभ क्या है?
– हम ईश्वर को प्रकाश के रूप में मानते हैं
– अतः दीपक जलाकर उसकी ज्योति के रूप में ईश्वर को स्थापित करते हैं
– दीपक से एकाग्रता और उर्जा दोनों प्राप्त होती है
– अलग अलग मुखी दीपक जलाकर अलग अलग तरह की मनोकामनाएं पूरी की जा सकती हैं
– ईश्वर की कृपा के लिए एक मुखी दीपक जलाएं
– कर्ज मुक्ति के लिए नौ मुखी दीपक जलाएं
– स्वस्थ्य और आयु रक्षा के लिए दो मुखी दीपक शुभ होगा
– विरोधियों और शत्रुओं को शांत करने के लिए तीन मुखी दीपक जलाएं
– नौकरी , रोजगार और करियर के लिए हर शनिवार को पीपल के नीचे चार मुखी दीपक जलाएं
क्या प्रसाद अर्पित करना आवश्यक है? किस प्रकार प्रसाद का विशेष प्रयोग करें?
– ईश्वर की कृपा को अपने अन्दर लाने के लिए प्रसाद चढ़ाया और ग्रहण किया जाता है
– प्रसाद के बिना भी पूजा हो सकती है , पर प्रसाद हो तो ज्यादा अच्छा होगा
– प्रसाद में कोई भी सात्विक चीज़ , फल , मिठाई यहाँ तक जल भी चढ़ाया जा सकता है
– कुछ न हो तो शक्कर चढ़ाना उत्तम होता है
– सफ़ेद प्रसाद अर्पित करने से आर्थिक और मानसिक स्थिरता आती है
– बूंदी के लड्डू अर्पित करने से समस्त ग्रहों की बाधा शांत होती है
– इमरती का प्रसाद दुर्घटनाओं और आकस्मिक घटनाओं से रक्षा करता है
– पंचामृत अर्पित करने आयु लम्बी होती है , पापों का प्रायश्चित होता है
– केवल जल अर्पित करने से शिक्षा , संतान और ईश्वर की कृपा मिलती है
पूजा में फूल अर्पित करना कितना आवश्यक है? इसका क्या विशेष प्रयोग है?
– ईश्वर को फूल चढ़ाकर हम अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हैं .
– स्वयं भी फूलों का प्रयोग करके हम अपने मन को बेहतर करने का प्रयत्न करते हैं.
– अलग अलग रंग और सुगंध के फूल अलग अलग तरह की भावनाएँ दर्शाते हैं.
– ये फूल मानसिक भी हो सकते हैं और वास्तविक भी.
– इन्हें अपने इष्ट देव को अर्पित करना चाहिए.
– शिक्षा और प्रतियोगिता में सफलता के लिए सफ़ेद फूल अर्पित करना सर्वोत्तम होगा ,और उसमे में सुगंध जितनी कम हो उतना ही अच्छा है.
– नौकरी के लिए सुर्ख लाल या नीले रंग का फूल भगवान को अर्पित करें
– प्रेम में सफलता के लिए गुलाबी और सफ़ेद दोनों फूल अर्पित करें .इसकी सुगंध थोड़ी तेज हो तो ज्यादा लाभदायक होगा.
– शीघ्र विवाह के लिए पीले फूलों की माला या ढेर सारे पीले फूल अर्पित करें
– धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए गुलाबी गुलाब अर्पित करें .
अगर पूजा उपासना , ध्यान और मंत्र जाप में मन न लगता हो
– पूजा का समय स्थान और ईष्ट एक ही रक्खें
– अपना आसन और माला व्यक्तिगत रक्खें
– पूजा करने के कुछ समय पहले ही धूप या सुगन्धित बत्ती जला दें
– पूजा आरंभ करने के पहले ईश्वर से सफलता की प्रार्थना करें