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शरद पवार ने दिया अजित को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने पर जवाब…

मुंबई । महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान से हर कोई वाकिफ है। अब हालत ये है कि विरोधी पार्टा के चक्कर में एक दल टूट गया है। बात यहां NCP की है, जो भाजपा के विरुद्ध लड़ी और दोनों में हमेशा से विचारधारी की लड़ाई रही है, लेकिन अब NCP प्रमुख शरद पवार के भतीजे और विधायक दल के नेता बने अजित पवार ने भाजपा का दामन थाम लिया। इतना ही नहीं, शरज पवार ने दावा किया कि बिना उनकी जानकारी के अजित पवार ने भाजपा को समर्थन दिया और राज्य के उप मुख्यमंत्री भी बन गए। हालांकि यहां उन्होंने कहा कि NCP की तरफ से अजित को कोई भी समर्थन नहीं है और भाजपा में जाना उनका निजी फैसला है। अब बात यह उठी कि क्या अजित पवार को पार्टी लाइन से अलग जाने पर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा, जिस पर शरद पवार ने अब जवाब दिया है।

शरद पवार से जब पूछा गया कि क्या अजित पवार को पार्टी से निकाला जाएगा तो इसपर उन्होंने साफ कहा कि यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसके लिए कोई एक व्यक्ति ही फैसला लेगा। इस मामला को लेकर पूरी पार्टी फैसला तय करेगी। पार्टी को यह फैसला तब करना पड़ता है जब मामला उसके सामने आता है। वहीं, इससे पहले उन्होंने फिर कहा कि यह एक सच्चाई है कि भाजपा के पास बहुमत नहीं था और इसीलिए उन्होंने सरकार नहीं बनाई थी, उन्होंने शुरू में राज्यपाल को भी लिखा था कि उनके पास बहुमत नहीं है और इसलिए वह सरकार नहीं बनाएंगे।

विधायक दल के नेता के रूप में हटाया

महाराष्ट्र में सरकार को लेकर लगभग एक महीने तक चलने वाली अनिश्चितता के बाद शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार शपथ ली, जबकि अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस घटनाक्रम के बाद एनसीपी ने अजीत पवार को अपने विधायक दल के नेता के रूप में हटा दिया।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि उनके भतीजे अजीत पवार का भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ था और जो भी विधायक उनके साथ गठबंधन करेगा, उसे दलबदल विरोधी कानून का सामना करना पड़ेगा।

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