आपसी प्रेम ही परिवार को जोड़कर रखता है। इसके बिना दूसरी सभी बातों का कोई महत्व नहीं होता है। जिन परिवारों में प्रेम नहीं होता है, वहां एकता और सुख नहीं होता है।
महाभारत में अर्जुन का पुत्र अभिमन्यु मां के गर्भ में ही युद्ध कला सीख गया था। इस बात से स्पष्ट है कि परिवार का वातावरण जैसा रहेगा, छोटे बच्चे वैसा ही सीखेंगे। इसीलिए घर के सदस्यों को आपसी प्रेम बनाए रखना चाहिए। बच्चों के सामने ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए, जिसका बुरा असर उनके स्वभाव पर हो सकता है। यदि परिवार को एकजुट रखना है तो आपसी प्रेम के साथ ही यहां बताई जा रही बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
1. परिवार में प्रेम बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सभी सदस्यों को अहं का भाव छोड़ देना चाहिए। खुद के सुख को महत्व न देते हुए सभी सदस्यों के सुख को ध्यान में रखना चाहिए।
2. जीवन साथी, बच्चों और घर के अन्य सदस्यों के लिए विश्वास अटूट होना चाहिए। जिस रिश्ते में विश्वास नहीं होगा, वह लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा।
3. परिवार के सदस्यों पर अधिकार जताएं, लेकिन अधिकार जताने का तरीका ऐसा नहीं होना चाहिए कि दूसरे सदस्य हमारे सामने डरे हुए दिखाई दे। यदि लंबे समय तक ऐसा डर रहेगा तो आपसी प्रेम धीरे-धीरे कम हो सकता है।
4. परिवार में खुलापन होना चाहिए। सभी सदस्यों को सही और गलत बात बताने की आजादी होनी चाहिए।
5. किसी बात पर मतभेद हो तो परिवार के हित को महत्व देते हुए सभी मतभेद सुलझा लेना चाहिए।
1. परिवार में प्रेम बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सभी सदस्यों को अहं का भाव छोड़ देना चाहिए। खुद के सुख को महत्व न देते हुए सभी सदस्यों के सुख को ध्यान में रखना चाहिए।
2. जीवन साथी, बच्चों और घर के अन्य सदस्यों के लिए विश्वास अटूट होना चाहिए। जिस रिश्ते में विश्वास नहीं होगा, वह लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा।
3. परिवार के सदस्यों पर अधिकार जताएं, लेकिन अधिकार जताने का तरीका ऐसा नहीं होना चाहिए कि दूसरे सदस्य हमारे सामने डरे हुए दिखाई दे। यदि लंबे समय तक ऐसा डर रहेगा तो आपसी प्रेम धीरे-धीरे कम हो सकता है।
4. परिवार में खुलापन होना चाहिए। सभी सदस्यों को सही और गलत बात बताने की आजादी होनी चाहिए।
5. किसी बात पर मतभेद हो तो परिवार के हित को महत्व देते हुए सभी मतभेद सुलझा लेना चाहिए।