दो बार की विश्व विजेता वेस्टइंडीज टीम को 1983 में धूल चटाकर विश्व विजेता टीम के कप्तान रहे कपिल देव अपने टीम के साथी खिलाड़ी मदनलाल के आग्रह पर पहली बार रुद्रपुर पहुंचे। पूर्व क्रिकेटर मदन लाल को उन्होंने अपना सीनियर संबोधित करते हुए कहा कि उनकी बात काटना आसान नहीं था।
इस दौरान उनकी टीस भी उभरकर सामने आई जब उन्होंने कहा कि बोर्ड ने भले उनके नाम से कोई पवेलियन नहीं बनाया है, लेकिन एक साथी की अकादमी में अपने नाम का पवेलियन देखकर अच्छा लगा। वर्ष 1983 में जब भारतीय क्रिकेट टीम में कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप जीता था, तब भारतीय क्रिकेट में मदनलाल भी बतौर ऑलराउंडर शामिल थे।
विश्व कप के दौरान ट्रेंट ब्रिज मैदान में कपिल देव ने जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई ऐतिहासिक 175 रनों की पारी के दौरान निचले क्रम में मदनलाल ने उनके साथ बल्लेबाजी की थी। कपिल की इसी पारी की बदौलत टीम फाइनल में पहुंची थी। कार्यक्रम में संबोधन के दौरान कपिल ने कहा कि मैं अपने सीनियर मदनलाल जी के आग्रह पर आज रुद्रपुर आया हूं।
मैदान में अपने नाम से पवेलियन को देखकर एक पल के लिए कपिल देव भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने भले ही उनके नाम से कोई पवेलियन नहीं बनाया है, लेकिन एक साथी की क्रिकेट अकादमी में अपना नाम को पवेलियन देखकर अच्छा लगा।
एमेनिटी पब्लिक स्कूल एंड मदनलाल क्रिकेट अकादमी में कपिल देव पवेलियन के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व कप्तान कपिल देव थे। पूर्व क्रिकेटर मदनलाल व डीएम डॉ. नीरज खैरवाल को विशिष्ट अतिथि बनाया गया था। लेकिन डीएम किन्ही कारणों के चलते कार्यक्रम में मौजूद नहीं हो सके।