उत्तर प्रदेश

देश भर के हजारों स्कूलों में होगा एक्टिजेन कंटेस्ट

लखनऊ: देश अपनायें सहयोग फाउंडेशन पिछले चार वर्षों से भारत के 800 से अधिक स्कूलों के साथ मिलकर काम करता रहा है. इस फाउंडेशन का उद्देश्य युवाओं को नागरिक शिक्षा के लाभों के बारे में बताना और उन्हें प्रेरित करना है। इस फाउंडेशन ने प्रमुख रूप से एक नई पहल एक्टिजेन कंटेस्ट की घोषणा की है.  यह कंटेस्ट भारत के हजारों स्कूलों में शुरू होगा जिसका राष्ट्रीय महत्व का लक्ष्य-सजग, समझदार और सक्रिय नागरिकों का निर्माण है.

देश अपनायें एस फाउंडेशन (इनाम समूह के सह-संस्थापक और चेयरमैन) के संस्थापक, चीफ मेंटर, वल्लभ भंसाली ने कहा कि मुझे एक्टिजेन कंटेस्ट की घोषणा करते हुए बेहद खुशी महसूस हो रही है. यह कंटेस्ट भारत के हजारों स्कूलों में शुरू किया जायेगा. इसमें विद्यालयों, प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और अभिभावकों को आमंत्रित किया जायेगा, जो 7वी, 8वीं और 9वीं कक्षा के किशोर छात्रों को इस दो चरणों वाले कंटेस्ट में भाग लेने और आसपास की समस्याओं के लिए प्रभावी स्वैच्छिक कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करेंगे. इस द्विचरणीय कंटेस्ट के जरिए उनकी नागरिक समझ की जांच. की जायेगी.

एक्टिजेन कंटेस्टः एक्टिजेन (आर) प्रतियोगिता संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहचाने गए कुछ सतत विकास लक्ष्यों से जुड़े विषयों के साथ दो-चरण की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए, पूरे भारत के कई हजार स्कूलों तक पहुंचेगी. प्रतियोगिता से छात्रों को न केवल उनके शैक्षणिक बल्कि व्यावहारिक कौशल का भी परीक्षण करने में मदद मिलेगी. वही राष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला करने के लिए चुनिंदा छात्र मंथन करेंगे और ग्रैंड जुरी के सामने स्केेलेबल समाधानों को डिजाइन करेंगे. इसमें ग्रैंड जूरी राउंड के शीर्ष 3 विजेता हिंदी फीचर फिल्म दंगल की फिल्म निर्देशन टीम की निगरानी में बनने वाली फिल्मों में काम करेंगे जबकि शिक्षकों को ‘यंग एक्टिजेन मेंटर’ अवार्ड्स दिये जायेंगे. इसके साथ ही उत्कृष्ट भागीदारी के लिए ट्रॉफी भी मिलेगी.

प्रख्यात खेल आइकन और पद्मश्री पुरस्कार विजेता गगन नारंग (2012 में शूटिंग के लिए कांस्य पदक के साथ भारत को ओलंपिक पदक दिलाया) ने कहा कि देश अपनायें फाउंडेशन द्वारा स्कूली छात्रों के लिए आयोजित एक्टिजेन प्रतियोगिता उन्हें कम उम्र से ही सही मायने में लोकतंत्र का अनुभव कराने और सतर्क रहने में मदद करेगी. डॉ. पार्थ जे शाह (सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के संस्थापक और अध्यक्ष और इंडियन स्कूल ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी के निदेशक) ने कहा नागरिकता शिक्षा, स्वयंसेवा और सामुदायिक कार्य के साथ संयुक्त होने पर अच्छी नीतियां और शासन महत्वपूर्ण रूप से एक राष्ट्र को प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों से एक शिक्षाविद् और पाॅलिसी एक्टिविस्ट के रूप में, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत के हजारों स्कूलों में ऑन-बोर्डिंग छात्र, एक्टिजेन® प्रतियोगिता एक बेहतर भारत के लिए सतर्क, सूचित और सक्रिय युवा नागरिकों को बनाने और एकजुट करने के लिए गेम-चेंजिंग मिशन हो सकते हैं.

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